नाक ब्लॉक होने पर नींद क्यों उड़ जाती है
Nasal Congestion While Sleeping Health Risk: क्या आपकी रातें नाक बंद होने की वजह से करवटें बदलते-बदलते बीत जाती हैं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। बहुत से लोग सोचते हैं कि नाक बंद होना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन जब यह नींद पर असर डालने लगे, तो यह आपके शरीर और दिमाग दोनों की सेहत के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है। ENT एक्सपर्ट डॉ. मनुस्रुत के मुताबिक, लंबे समय तक नाक ब्लॉक रहना या रात में बार-बार सांस रुकने जैसी समस्या को हल्के में लेना सही नहीं है, क्योंकि यह कई अंदरूनी बीमारियों की ओर इशारा कर सकता है।
कई लोगों को दिनभर नाक ठीक रहती है, लेकिन जैसे ही वे लेटते हैं, नाक बंद हो जाती है। डॉ. मनुस्रुत बताते हैं कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हम सीधा लेटते हैं, तो खून का बहाव नाक की नसों में बढ़ जाता है, जिससे वहां की पतली झिल्लियां सूज जाती हैं। इससे हवा का रास्ता श्रिंक हो जाता है और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। यही कारण है कि रात में नींद पूरी नहीं हो पाती और सुबह थकान या सिर दर्द महसूस होता है।
अक्सर नाक ब्लॉक होने की असली वजह हमारे आस-पास की चीजें होती हैं। बिस्तर में मौजूद डस्ट माइट्स, पालतू जानवरों के बाल, या पुराने तकिए की धूल नाक की एलर्जी को बढ़ा सकती है। रात में सांस लेते समय ये एलर्जन्स नाक में पहुंचकर सूजन और ब्लॉकेज पैदा करते हैं। ENT विशेषज्ञ डॉ. मनुस्रुत सलाह देते हैं कि ऐसे में साफ-सफाई का ध्यान रखना, तकिए और बेडशीट्स को नियमित रूप से धोना और कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करना मददगार हो सकता है।
जब नाक से सांस नहीं ली जा पाती, तो शरीर मजबूरन मुंह से सांस लेने लगता है। इससे गला सूख जाता है, खर्राटे आने लगते हैं और नींद बार-बार टूटती है। लंबे समय तक ऐसा चलने पर शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता, जिससे दिन में थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान न लगने जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। यह स्थिति बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
नाक बंद रहना अगर 10 दिन से ज्यादा की समस्या हो गई है, या इसके साथ में बुखार, चेहरे में दर्द, पीला या गाढ़ा म्यूकस जैसे लक्षण नोटिस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना जरूरी है। ये संकेत साइनस इंफेक्शन, नाक के पॉलिप्स या एलर्जिक राइनाइटिस की तरफ इशारा कर सकते हैं। लगातार नाक ब्लॉक रहना नींद की गुणवत्ता को घटाकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर कर सकता है।
कई लोग राहत के लिए नाक के ड्रॉप्स का बार-बार इस्तेमाल करते हैं, लेकिन डॉ. मनुस्रुत चेतावनी देते हैं कि एक हफ्ते से ज्यादा इनका उपयोग करने पर रीबाउंड कंजेशन यानी नाक फिर से ज्यादा बंद होने की समस्या हो सकती है। कुछ मरीज इन ड्रॉप्स के आदी भी हो जाते हैं, जिन्हें इलाज की जरूरत होती है। बेहतर है कि बार-बार ड्रॉप्स लेने की बजाय ENT विशेषज्ञ से सलाह ली जाए ताकि असली कारण का इलाज हो सके।
अगर नाक ब्लॉक की वजह से आपकी नींद लगातार खराब हो रही है, आप दिनभर थकान या सिर भारीपन महसूस कर रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें। कभी-कभी नाक की अंदरूनी संरचना में समस्या, जैसे डेविएटेड सेप्टम या पॉलिप्स, भी कारण हो सकते हैं। ऐसे मामलों में ENT डॉक्टर से जांच करवाना सबसे बेहतर कदम है ताकि सही निदान और स्थायी इलाज मिल सके।
नाक ब्लॉक को सामान्य समझकर टाल देना आपकी नींद ही नहीं, पूरी सेहत पर असर डाल सकता है। जैसा कि डॉ. मनुस्रुत कहते हैं 'आपकी नींद आपके शरीर की हीलिंग का समय होती है, और अगर नाक ब्लॉक है तो शरीर पूरी तरह आराम नहीं कर पाता।' इसलिए अगर नाक बंद रहना आपकी रातों की नींद चुरा रहा है, तो अब वक्त है किसी ENT विशेषज्ञ से मिलने का, ताकि आप फिर से चैन की नींद ले सकें।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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