Dry Eyes Problem: इन दो वजह से लोगों को हो रही ड्राई आइज की प्रॉब्लम, आज ही सुधारें अपनी ये आदतें

Dry Eyes Problem: आजकल लोगों को आंखों में इंफेक्शन के साथ साथ ड्राई आइज की प्रॉब्लम काफी देखी जा रही है। आंखों के डॉक्टर्स के पास इस समस्या को लेकर पहुंचने वाले लोगों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। जानें लाइफस्टाइल की वो कौन सी आदतें हैं जिनसे ड्राई आइज की प्रॉब्लम हो रही है।

Updated May 26, 2023 | 02:49 PM IST

Dry Eyes Problem (Istock)

Dry Eyes Problem (Istock)

Dry Eyes Problem: आंखें हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं। इनका कमजोर होना किसी भी इंसान की जिंदगी को बेरंग कर देता है। ऐसे में आंखों का ख्याल रखना जरूरी है। आजकल लोगों को आंखों में इंफेक्शन के साथ साथ ड्राई आइज की प्रॉब्लम काफी देखी जा रही है। आंखों के डॉक्टर्स के पास इस समस्या को लेकर पहुंचने वाले लोगों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। इस समस्या को नजरअंंदाज करना घातक साबित हो सकता है। समय रहते जीवनशैली में कुछ बदलाव कर इससे संभला जा सकता है। जानें लाइफस्टाइल की वो कौन सी आदतें हैं जिनसे ड्राई आइज की प्रॉब्लम हो रही है।

What is Dry Eyes

हमारी आंखों में जब पर्याप्त मात्रा में आंसू का उत्पादन नहीं हो पाता है तो आंखों की नमी कम हो जाती है। आंखों में नमी का कम हो जाना, या आंखों में नमी नजर ना आना ड्राई आइज की प्रॉब्लम कहलाता है। नमी कम होने से आंखों की कोशिकाओं को गंभीर क्षति पहुंचती है और इससे धीरे धीरे रोशनी भी कम होने लगती है। समय रहते इस समस्या का इलाज जरूरी है।

ज्यादा स्क्रीन टाइम से हो रहा नुकसान

आंखों को सबसे ज्यादा नुकसान लैपटॉप-मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से हो रहा है। डिजिटल डिवाइस की स्क्रीन पर देखते रहने से हमारी ब्लिंक दर 66% तक कम हो जाती है। जब आप कम पलकें झपकते हैं तो ड्राई आई सिंड्रोम विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

एसी के इस्तेमाल से भी बन रही समस्या
स्क्रीन टाइम अधिक होने के अलावा एयर कंडीशनर और हीटर की वजह से भी ड्राई आइज की समस्या हो जाती है। एसी और हीटर आसपास की हवा में नमी की मात्रा को कम कर देते हैं।
लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव
इस समस्या से बचना चाहते हैं तो एक अंतराल के बाद आंखों में पानी मारते रहें। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए पलक झपकना जरूरी है। इसलिए पलकों को झपकाते रहे हैं। अपने स्क्रीन टाइम को कम करें। साथ ही धुंआ, हवा और एयर कंडीशनिंग से बचने की कोशिश करें। इसके अलावा सबसे जरूरी है पर्याप्त मात्रा में पानी पीना। आपको सलाह है कि दिन में 8 से 10 गिलास पानी अवश्य पीएं।
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