प्रतीकात्मक फोटो (istock)
मध्य प्रदेश में दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद सरकार सख्त हो गई है। CDSCO ने दवा कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे कच्चे माल, तैयार दवा और सहायक पदार्थों की हर बैच की कड़ाई से जाँच करें। केवल भरोसेमंद सप्लायर से ही सामग्री खरीदें और राज्य ड्रग कंट्रोलर लगातार कंपनियों की निगरानी करें।
देश में बच्चों की जान लेने वाले दूषित कफ सिरप के मामले ने सरकार को सख्त कर दिया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलरों को निर्देश जारी किया है कि दवा कंपनियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में दूषित कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हो गई। जांच में सामने आया कि कई दवा कंपनियाँ दवा बनाने से पहले कच्चे माल और जरूरी केमिकल की जाँच तक नहीं कर रही थीं। CDSCO ने कहा कि इस तरह की लापरवाही की वजह से दवाएं 'मानक गुणवत्ता की नहीं' पाई जा रही हैं।
1. हर चीज़ की जाँच जरूरी:
कंपनियों को ड्रग्स रूल्स, 1945 के नियम 74 और 78 के अनुसार दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले हर बैच और तैयार दवा के हर बैच की जाँच करनी अनिवार्य है।
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2. केवल भरोसेमंद सप्लायर से खरीद:
कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे केवल भरोसेमंद और अप्रूव्ड सप्लायरों से ही कच्चा माल खरीदें। वेंडर चुनने की प्रक्रिया को मजबूत करना होगा।
3. कंट्रोलर करेंगे निगरानी:
सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर कंपनियों का लगातार निरीक्षण करेंगे। कोई भी दवा बिना जाँच के बाज़ार में नहीं जाएगी।
डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (भारत) ने सभी अधिकारियों को आदेश की गंभीरता समझने और तुरंत कार्रवाई की जानकारी देने को कहा है।
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