रक्षा सहयोग में नई उड़ान, भारत में अपना 'स्ट्राइकर', एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 'जैवलिन' बनाएगा अमेरिका
India - U.S. Joint Statement : संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है कि रक्षा उद्योग सहयोग मजबूत करने के लिए अमेरिका, भारत के साथ अपना रक्षा सौदा और सहयोग बढ़ाएगा। यह खास बात है यानी आने वाले समय में अमेरिका अपने आधुनिक हथियार भारत को बेचेगा। दोनों नेताओं ने इस साल नए खरीद की योजनाओं को आगे बढ़ाने की घोषणा की है।

रक्षा क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाएंगे भारत-अमेरिका।
India - U.S. Joint Statement : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान दोनों देशों के आपसी रिश्ते नई ऊंचाई पर पहुंचे हैं। रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, तकनीक सहित आपसी सहयोग के कई क्षेत्रों में बड़े करार और घोषणाएं हुई हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आपसी रिश्ते में नई ताजगी भरी है। अपने संयुक्त बयान में दोनों देशों ने खास तौर पर रक्षा और कारोबार पर ज्यादा जोर दिया है। अमेरिका अपनी रक्षा बिक्री बढ़ाएगा। भारत के साथ मिलकर वह सैन्य उपकरण और हथियार बनाएगा। साथ ही दोनों देश अपने द्विपक्षीय कारोबार को साल 2030 तक 500 अरब डॉलर तक ले जाएंगे। दोनों देशों के बीच रक्षा, कारोबार एवं निवेश, ऊर्जा सुरक्षा, तकनीक एवं नवाचार, बहुपक्षीय सहयोग और लोगों के बीच सहयोग बढ़ाने पर बात हुई है।
भारतीय सेना में हैं ये अमेरिकी हथियार
दोनों देशों ने अपने रणनीतिक सहयोग को पहले से और ज्यादा मजबूत करने के लिए रक्षा से जुड़े अलग-अलग क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। खासकर 21वीं सदी की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए दोनों देश इस साल यूएस-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप पर 10 साल के लिए एक फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर करेंगे। भारतीय सेना में अमेरिका सैन्य सामग्रियों, हथियारों और उपकरणों को शामिल किए जाने की दोनों नेताओं ने प्रशंसा की। हाल के वर्षों में भारतीय सेना में बड़ी मात्रा में हथियार और उन्नत तकनीक वाले उपकरण शामिल हुए हैं। इनमें अमेरिकी सी-130 जे सुपर हरक्युलिस, सी-17 ग्लोबमास्टर, पी-8आई पोसेडिन एयरक्राफ्ट, सीएच-47एफ चिनूक, एमएच-60आर सीहॉक्स,एएच-64 ई अपाचे, एंटी-शिप मिसाइल हारपून, M-777 होवित्जर, एमक्यू-9बी शामिल हैं।
अब भारत में बनेंगे 'स्ट्राइकर' और जैवलिन'
इस संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है कि रक्षा उद्योग सहयोग मजबूत करने के लिए अमेरिका, भारत के साथ अपना रक्षा सौदा और सहयोग बढ़ाएगा। यह खास बात है यानी आने वाले समय में अमेरिका अपने आधुनिक हथियार भारत को बेचेगा। दोनों नेताओं ने इस साल नए खरीद की योजनाओं को आगे बढ़ाने की घोषणा की है। यही नहीं भारत की रक्षा जरूरतों को तेजी से पूरा करने के लिए अमेरिका इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल 'स्ट्राइकर' और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 'जैवलिन' को साथ मिलकर बनाएगा। खास बात यह है कि इनका निर्माण भारत में होगा।
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पी-8आई मैरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट भारत को बेचेगा
यही नहीं अमेरिका हिंद महासागर में निगरानी में इजाफा करने के लिए आठ अतिरिक्त पी-8आई मैरिटाइम प्रेट्रोल एयरक्राफ्ट भारत को बेचेगा। इसके अलावा दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष, वायु रक्षा, मिसाइल, मैरिटाइम, अंडरसी तकनीक में अपने रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को तेज करने का संकल्प जताया है। अपने रक्षा उद्योग सहयोग पर अमेरिका-भारत रोडमैप को नया आकार देंगे। राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उद्योग भागीदारी और उत्पादन बढ़ाने के लिए एक नई पहल ऑटोनामस सिस्टम इंडस्ट्री अलायंस यानी (ASIA) शुरू करने की घोषणा की है।
एंडुरिल इंडस्ट्रीज-महिंद्रा ग्रुप के बीच भागीदारी
यही नहीं अमेरिकी कंपनी एंडुरिल इंडस्ट्रीज और भारत के महिंद्रा ग्रुप के बीच साझेदारी की घोषणा हुई है। क्षेत्रीय सुरक्षा मजबूत बनाने के लिए दोनों कंपनियां मिलकर स्टेट ऑफ द आर्ट समुद्री निगरानी व्यवस्था और एडवांस्ड एआई युक्त काउंटर अनमैंड एरियल सिस्टम विकसित और उसका निर्माण करेंगी। टोड अरे सिस्टम बनाने के लिए एल 3 हैरिस और भारत इलेक्ट्रानिक्स के बीच करार हुआ है।
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500 अरब डॉलर तक ले जाएंगे आपसी कारोबार
रक्षा क्षेत्र के बाद दोनों देशों के बीच कारोबार को नई ऊंचाई पर ले जाने की बात कही गई है। संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि अपने नागरिकों को ज्यादा समृद्ध, देश को ज्यादा मजबूत, अर्थव्यवस्था के नए क्षेत्र खोलने और आपूर्ति श्रृंखला को और ज्यादा लचीला बनाने के लिए दोनों नेता अपना कारोबार और निवेश बढ़ाएंगे। दोनों देश निष्पक्षता, राष्ट्रीय सुरक्षा और नई नौकरियों पर जोर रखते हुए अपने कारोबारी संबंधों को और मजबूत बनाएंगे। भारत और अमेरिका ने अपने द्विपक्षीय कारोबार को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए 'मिशन 500' की घोषणा की है। दोनों देशों ने कहा है कि 'मिशन 500' के तहत साल 2023 तक वे अपना द्विपक्षीय कारोबार 500 अरब डॉलर का बनाएंगे। दोनों नेताओं ने टैरिफ से जुड़ी बाधाओं को कम करने के लिए उठाए कदमों की सराहना की। अमेरिका ने कहा है कि व्हिसकी, मोटरसाइकिल, आईसीटी प्रोडक्ट्स और मेटल्स जैसे उसके उत्पादों पर टैरिफ कम करने की भारतीय पहल की वह प्रशंसा करता है।
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