तेजी से खत्म हो रहीं इजरायल की इंटरसेप्टर मिसाइलें, ऐसे में आसान नहीं होगा ईरान के हवाई हमलों को रोक पाना
इजरायल का दावा है कि उसने ईरान के ज्यादातर ड्रोन एवं मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया है लेकिन यह भी रिपोर्ट आई है कि दुश्मन के हथियारों को काफी दूर मार गिराने वालीं इजरायल की इंटरसेप्टर मिसाइलों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। वॉल स्ट्रीट जनरल ने इंटेलिजेंस पर नजर रखने वाले एक अमेरिका अधिकारी के हवाले से यह दावा किया है।

इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल दाग रहा ईरान।
Israel-Iran Conflict: इजरायल और ईरान का संघर्ष छठवें दिन में प्रवेश कर गया है लेकिन हमलों में कोई कमी नहीं आई है। दोनों देश एक-दूसरे को निशाना बनाते हुए हवाई हमले कर रहे हैं। इजरायल का दावा है कि उसने ईरान के ज्यादातर ड्रोन एवं मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया है लेकिन यह भी रिपोर्ट आई है कि दुश्मन के हथियारों को काफी दूर मार गिराने वालीं इजरायल की इंटरसेप्टर मिसाइलों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। वॉल स्ट्रीट जरनल ने इंटेलिजेंस पर नजर रखने वाले एक अमेरिका अधिकारी के हवाले से यह दावा किया है।
इजरायल ने शुरू किया है 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन'
एक-दूसरे पर बिना रुके लगातार मिसाइल हमले करने के बीच यह रिपोर्ट आई है। इजरायल ने बीते शुक्रवार को ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' शुरू किया। इसके खिलाफ ईरानी सुरक्षाबल करीब 400 बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल पर दाग चुके हैं। बताया जाता है कि ईरान के पास करीब 2000 ऐसी मिसाइलें हैं जो इजरायल में मार कर सकती हैं। लंबी दूरी से आने वाली मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने के लिए इजरायल के पास एरो नामक एयर डिफेंस सिस्टम है। यह सिस्टम काफी ऊंचाई पर ही दुश्मन की मिसाइल को इंटरसेप्ट कर मार गिराता है। इसने काफी हद तक ईरानी मिसाइलों को हवा में नष्ट किया है लेकिन कई मिसाइलें इजरायल के अंदर गिरी भी हैं।
'ईरान के एक तिहाई मिसाइल लॉन्चर्स बर्बाद'
तेल अवीव में अधिकारियों ने वॉल स्ट्रीट जरनल (WSJ) को बताया कि ईरान के एक तिहाई मिसाइल लॉन्चर्स बर्बाद कर दिए गए हैं। यही नहीं अधिकारियों ने ईरान के आसमान पर एयर सुपरियारिटी कायम करने का भी दावा किया। फिर भी इंटेलिजेंस सूत्रों ने आगाह करते हुए कहा है कि ईरान के पास मिसाइलों की जितनी संख्या है, उसका आधा अभी बचा हुआ है, उसे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। इन मिसाइलों को उसने जमीन के अंदर छिपाकर रखा होगा।
एयर डिफेंस सिस्टम पर हो रहा भारी खर्च
इजरायल अपने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए एयर डिफेंस सिस्टम की ग्रिड से करता है। उसके एयर डिफेंस के कई स्तर हैं जो अलग-अलग तरह के हवाई हमलों को निष्क्रिय करते हैं। इनमें आयरन डोम, डेविड स्लिंग, एरो सिस्टम और अमेरिका के पैट्रियट एवं THAAD शामिल हैं। इन सभी सिस्टम का रखरखाव अब चिंता का विषय बन रहा है। इजरायल के वित्तीय समाचार पत्र द मर्कर का अनुमान है कि इन सभी सिस्टम पर एक रात का खर्च करीब एक अरब शेकल्स (285 मिलियन डॉलर) बैठ रहा है। केवल एरो सिस्टम से फायर होने वाली एक मिसाइल की कीमत तीन लाख डॉलर है।
मिसाइलों ने इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम को भेदा-रिपोर्ट
चूंकि ईरान बड़ी संख्या में मिसाइलें दाग रहा है ऐसे में इजरायल को अपने बचाव में भी इंटरसेप्टर मिसाइलें छोड़नी पड़ रही हैं, इससे उस पर दबाव बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान यदि इसी गति से मिसाइल छोड़ता रहता है तो अमेरिका की आपूर्ति अथवा उसके सीधे दखल के बिना इजरायल 10 से 12 दिनों तक इन हवाई हमलों का अपने एयर डिफेंस सिस्टम से जवाब दे सकता है। इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम पर पहले से ही बहुत ज्यादा दबाव है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इजरायल को यह भी तय करना पड़ सकता है कि किस मिसाइल को इंटरसेप्ट करना है और किसे छोड़ना है। यह दबाव दिखने लगा है। बीते शुक्रवार रात ईरानी मिसाइलों ने इजरायल के डिफेंस सिस्टम को भेद दिया। ये मिसाइलें तेल अवीव में इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के मुख्यलय पर गिरीं।
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