RPI से मुंबई की इकलौती सीट पर अल्पसंख्यक नहीं राजपूत उम्मीदवार, क्या है बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग?
Maharashtra Elections 2024: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले की RPI के खाते में आई है। ऐसे में, इस सीट पर आठवले ने किसी अल्पसंख्यक या दलित नहीं राजपूत को उम्मीदवार बनाया है। यानी बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग का समीकरण इस सीट पर नजर आ रहा है।
मुंबई की इकलौती सीट पर अल्पसंख्यक नहीं राजपूत उम्मीदवार
Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र के विधान सभा चुनाव की 288 सीटों में से महायुति के साथ गठबन्धन से एक सीट केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले की RPI के खाते में आई है। ऐसे में, इस सीट पर आठवले ने किसी अल्पसंख्यक या दलित नहीं राजपूत को उम्मीदवार बनाया है। यानी बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग का समीकरण इस सीट पर नजर आ रहा है।
RPI के इकलौते उम्मीदवार जो लड़ रहे है बीजेपी के चिन्ह पर
कलिना विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर दो बार के विधायक और शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार संजय पोटनीस और भाजपा के अमरजीत सिंह के बीच मुकाबला होगा। 2014 के विधानसभा चुनाव में पोटनीस ने सिंह पर मात्र 1297 वोटों के अंतर से बहुकोणीय मुकाबले में जीत हासिल की थी, जिसमें कांग्रेस और अविभाजित एनसीपी ने भी उम्मीदवार उतारे थे। 2019 के चुनावों में, पोटनीस कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ 4931 वोटों के अंतर से सीट जीतने में कामयाब रहे और भाजपा ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा क्योंकि वे संयुक्त शिवसेना के साथ गठबंधन में थे।
महायुति के अधिकृत उम्मीदवार RPI की सीट से अमरजीत सिंह ने कहा कि कलीना की सीट सोशल इंजीनियरिंग का सबसे बहरीन उदाहरण है। इसके अलावा उनके पास बहुत मुद्दे भी है जिस पर वो जनता तक चुनाव के दौरान पहुंचकर बात कर रहे है। मनसे के उम्मीदवार को मिलने वाले वोट से महायुति को ही फायदा होगा ऐसे में महाविकास आघाड़ी के विधायक को हराने में सफलता की उम्मीद है। वही महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार और उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेता संजय पोतनीस जो दो बार से विजयी विधायक है उनके खिलाफ लड़ाई में महायुति ने कमर कसी है।
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कलिना विधानसभा सीट महाराष्ट्र की 288 विधानसभाओं में से एक है। यह सीट कई राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण रही है, साथ ही यहां हर चुनाव में दिलचस्प मुकाबले देखने को मिले हैं। कलिना विधानसभा सीट पर पिछले चुनावों में शिवसेना की मजबूत उपस्थिति देखी गई है, लेकिन आगामी चुनावों में गठबंधन की स्थिति और स्थानीय मुद्दों के आधार पर मुकाबला कड़ा हो सकता है।
महाराष्ट्र में फिलहाल महायुति गठबंधन की सरकार है जिसके मुखिया शिवसेना के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं। इस गठबंधन में शिवसेना के अलावा बीजेपी और एनसीपी भी शामिल है। वहीं दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी है जिसमें उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हैं। इस बार महाराष्ट्र में एक ही चरण में सभी सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। राज्य में 20 नवंबर को वोटिंग कराई जाएगी, जिसके बाद 23 को नतीजे जारी किए जाएंगे।
सीट पर पहले था कांग्रेस का दबदबा
2009 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कृपाशंकर सिंह ने कलिना विधानसभा सीट से जीत हासिल की। कृपाशंकर सिंह की जीत कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी क्योंकि उस समय कांग्रेस राज्य में सत्ता में थी और गठबंधन के जरिए अपनी पकड़ को मजबूत कर रही थी। कृपाशंकर सिंह एक अनुभवी नेता थे और कांग्रेस का मजबूत समर्थन कलिना क्षेत्र में देखने को मिला। साल 2009 के आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर कुल 257576 मतदाता थे, जिनमें 144501 पुरुष और 113075 महिलाएं शामिल थीं।
शिवसेना की प्रबल जीत
2014 के चुनावों में स्थिति बदल गई और शिवसेना के संजय पोतनीस ने कलिना विधानसभा सीट से जीत दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि क्षेत्र में शिवसेना की पकड़ मजबूत हो रही थी। हालांकि चुनाव के बाद भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन हुआ और दोनों ने मिलकर 5 साल महाराष्ट्र की सत्ता चलाई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा और शिवसेना ने एक साथ चुनाव लड़ा और संजय पोतनीस ने अपनी जीत को बरकरार रखा। शिवसेना ने अपनी रणनीति और संगठनात्मक ताकत से इस सीट पर लगातार दूसरी बार जीत हासिल की। हालांकि 2019 में शिवसेना और भाजपा के बीच विवाद और अलग-अलग चुनाव लड़ने की स्थिति ने कलिना में थोड़ा असमंजस पैदा किया है।
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