गुजरात में KHAM ने ऐसे लगा दी थी चुनावी नैया पार,ये 4 BJP के लिए कितनी बड़ी चुनौती

Gujarat Assembly Election 2022: KHAM राजनीति का ही असर था कि कांग्रेस को गुजरात में 1980 में 51.04 फीसदी वोट मिले और उसकी सीटों की संख्या 141 हो गई थी। उसके बाद इंदिरा गांधी की हत्या के साये में हुए 1985 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर KHAM राजनीति काम कर गई।

Gujarat Assembly Election 2022 date

जानें खाम राजनीति गुजरात में कैसी रही है हावी

मुख्य बातें
  • भाजपा ने इसा बार 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
  • खाम राजनीतिक के दम पर कांग्रेस ने 149 सीटें जीत ली थीं।
  • भाजपा को 2017 के चुनाव में 99 सीटें मिली थीं।

Gujarat Assembly Election 2022: वैसे तो गुजरात की राजनीति 2001 में सत्ता में आने के बाद से, नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द ही घूमती है। लेकिन एक दौर ऐसा था जब राज्य की राजनीति कांग्रेस के कद्दावर नेता माधव सिंह सोलंकी के इर्द-गिर्द घूमती थी। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने ऐसा रिकॉर्ड रचा कि 27 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद, भाजपा अभी तक नहीं तोड़ पाई है। कांग्रेस ने 1985 के चुनाव में 149 सीटें जीत ली। अब भाजपा इस बार 150 सीटों का आंकड़ा छूकर रिकॉर्ड बनाना चाहती है। माधव सिंह सोलंकी ने 80 के दशक में KHAM राजनीति को दांव चलकर विपक्ष का सफाया कर दिया था।

क्या है KHAM राजनीति

असल में KHAM राजनीति का ही असर था कि कांग्रेस को गुजरात में 1980 में 51.04 फीसदी वोट मिले और उसकी सीटों की संख्या 141 हो गई थी। उसके बाद इंदिरा गांधी की हत्या के साये में हुए 1985 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर KHAM राजनीति काम कर गई। इन चुनावों में कांग्रेस को 55.55 फीसदी वोट मिले और उसकी सीटों की संख्या रिकॉर्ड 149 पर पहुंच गई।

असल में इस राजनीति में सोशल इंजीनियरिंग छिपी हुई थी। जिसने जातीय लामबंदी की शुरुआत की। माधव सिंह सोलंकी ने इसके तहत क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय की गोलबंदी की। और उसी का असर रहा कि कांग्रेस को इतनी बड़ी मात्रा में वोट मिले। अब कांग्रेस के एक बार उसी राजनीति को आजमाने की कोशिश में है। और वह KHAM वोटरों लुभाने की कोशिश में है। हालांकि भाजपा ने पिछले 27 साल में हिंदुत्व और ओबीसी राजनीति के जरिए कांग्रेस को विपक्ष तक सीमित कर दिया।

समुदायआबादी (फीसदी)
आदिवासी14
मुस्लिम9
हरिजन7
क्षत्रिय11

भाजपा अभी तक 50 फीसदी वोट नहीं हासिल कर पाई

2022 का विधानसभा राज्य के इतिहास में 1995 के बाद से एकदम अलग है। इस बार प्रमुख रूप से मुकाबला केवल भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं है। अबकी आम आदमी पार्टी भी पूरे जोश के साथ मैदान में हैं। इसके अलावा 2017 में भले ही भाजपा को बहुमत मिल गया था। लेकिन जहां तक सीटों की बात है, तो 1990 के बाद ऐसा पहली बार हुआ था, जब 182 सीटों वाली विधानसभा में पार्टी को 100 से कम सीटें मिली थी। 2017 में भाजपा को 99 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। और कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं। जो कि कांग्रेस का साल 1985 के चुनावों के बाद सबसे अच्छा प्रदर्शन था। इन चुनावों में भाजपा को 49.05 फीसदी और कांग्रेस को 41.44 फीसदी वोट मिले थे। और नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम रहते भी भाजपा को भी कमी 50 फीसदी वोट नहीं मिले थे। ऐसे में देखना है कि इस बार भाजपा वो रिकॉर्ड तोड़ कर 150 सीटें हासिल कर पाती है या नहीं

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited