Robotic Surgery: अब KGMU में होगी रोबोट से सर्जरी, मरीजों को मिलेगी आधुनिक सुविधा, इन्हें मिलेगा फ्री में इलाज

Robotic Surgery: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों के लिए राहतभरी खबर है। यूनिवर्सिटी का सर्जरी विभाग रोबोटिक सर्जरी शुरू करने का प्लान बना रहा है। अब केजीएमयू में भी रोबोट से सर्जरी होगी। इस सर्जरी के बाद मरीज जल्द स्वस्थ हो सकेंगे। सर्जरी विभाग सस्ते रोबोट की खरीद करेंगा।

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केजीएमयू में होगी रोबोट से सर्जरी

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • केजीएमयू में ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों को राहत
  • अब केजीएमयू में भी होगी रोबोट से सर्जरी
  • सर्जरी विभाग करेगा सस्ते रोबोट की खरीद

Robotic Surgery: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में अब रोबोट के जरिए सर्जरी होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सस्ते रोबोट खरीदे जाएंगे। उनका उपयोग सर्जरी के लिए किया जाएगा। डॉक्टरों का दावा है कि इससे मरीज की रिकवरी भी जल्दी होती है। इससे सर्जरी में भी काफी आसानी होती है। मरीजों की जल्दी रिकवरी के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा। जनरल सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अभिनव अरुण सोनकर ने यह जानकारी दी।

प्रो. सोनकर के अनुसार, केजीएमयू में गॉल ब्लैडर, हर्निया, आंत समेत कई जटिल सर्जरी अब रोबोट के जरिए हो सकेंगी। इसके लिए जनरल सर्जरी विभाग में कम कीमत वाला रोबोट खरीदने की तैयारी चल रही है। मरीजों को आधुनिक सुविधा मिलेगी।

आयुष्मान सहित विभिन्न योजनाओं से मरीज का फ्री में होगा इलाजप्रो. सोनकर के अनुसार, सामान्य तौर पर एक रोबोट 25 से 30 करोड़ रुपये का होता है। हालांकि कई कंपनियां इसका इकोनॉमिकल मॉडल भी बनाती हैं। यह रोबोट लगभग पांच करोड़ में मिल जाते हैं। केजीएमयू का सर्जरी विभाग ऐसे रोबोट खरीदने पर विचार कर रहा है। इससे ऑपरेशन का खर्च भी कम हो जाएगा, साथ ही मरीजों को इलाज की आधुनिक सुविधा भी मिलगी। आयुष्मान सहित विभिन्न योजनाओं से मरीज का फ्री में इलाज भी हो सकेगा। मरीजों की रिकवरी भी तेजी से होगी।

अभी केजीएमयू में सालभर में हो रहे 10 हजार ऑपरेशनवहीं, डॉ. संजीव कुमार के अनुसार, जनरल सर्जरी विभाग में 22 डॉक्टर और 250 से ज्यादा बेड हैं। इसके साथ ही 70 जूनियर और सीनियर रेजिडेंट भी हैं। इनके माध्यम से पूरे वर्ष में 10 हजार के लगभग ऑपरेशन होते हैं। सबसे ज्यादा गॉल ब्लैडर में पथरी, हर्निया और तिल्ली से जुड़ी बीमारियों की सर्जरी हो रही है। इसमें काफी हद तक लैप्रोस्कोप से ऑपरेशन किए जा रहे हैं, जिससे रोगी कम दिन हॉस्पिटल में रहता है, मरीज को दर्द भी कम होता है। डॉ. अजय कुमार पाल के अनुसार, विभाग में लैप्रोस्कोपिक, थोरैकोस्कोपिक और एंडोरोलॉजिकल सर्जरी की तेजी से डिमांड हो रही हैं। दूसरे प्रदेशों से बहुत मरीज आ रहे हैं।

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