राजस्थान में भाजपा के लिए कितनी जरूरी हैं वसुंधरा राजे? समझिए सियासी समीकरण

Rajasthan Assembly Elections 2023: अशोक गहलोत के खिलाफ राजस्थान में भाजपा का चेहरा कौन होगा? आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की क्या रणनीति होगी, फिलहाल ये समझना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। सूबे में भाजपा परिवर्तन रैली कर रही है, कई दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है। हालांकि इन रैलियों में पूर्व सीएम वसुंधरा नजर नहीं आ रही हैं।

Vasundhara Raje

किसके चेहरे पर चुनाव लड़ने का इरादा बना रही है भाजपा?

Vasundhara Raje Importance In BJP: राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। परिवर्तन यात्रा में सूबे के कई दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्रियों का जमावड़ा देखा जा रहा है, मगर हैरानी की बात ये है कि राजस्थान में भाजपा का सबसे बड़ा और अहम चेहरा जिसे माना जाता है वो कहीं गुम है। वसुंधरा राजे इन रैलियों में नजर नहीं आ रही हैं। आखिर इसके पीछे की असल वजह क्या है और क्या वसुंधरा के बिना राजस्थान में भाजपा की राह आसान हो पाएगी। इस सभी सियासी दावपेंच से जुड़े हर पहलुओं को आपको समझना चाहिए।

क्या इस बार 2018 के चुनाव से भी ज्यादा कमजोर है भाजपा?

भाजपा इन दिनों राजस्थान में परिवर्तन यात्रा कर रही है, गहलोत सरकार को घेरने की कोशिशें जारी हैं। अलग-अलग जगहों से परिवर्तन यात्रा की ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, जो भाजपा की चिंता बढ़ा सकती है। नागौर के डेगरा विधानसभा क्षेत्र से ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है। परिवर्तन रैली में कुर्सियां खाली पड़ी थी। राजनीतिक विशेषज्ञों का दावा है कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार राजस्थान में भाजपा की रैलियों में भीड़ थोड़ी कम नजर आ रही है। सवाल ये उठ रहे हैं कि चुनावी मैदान में इतनी जोर-आजमाइश के बावजूद अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी असल वजह क्या है?

किसके चेहरे पर चुनाव लड़ने का इरादा बना रही है भाजपा

भाजपा के अब तक के रवैये से ये समझा जा रहा है कि इस बार चुनाव से पहले भाजपा मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा शायद ही करे। हालांकि भाजपा को पसंद करने वाली महिलाओं की मांग है कि अशोक गहलोत का मुकाबला करने के लिए वसुंधरा से बेहतर विकल्प कोई दूसरा नहीं है। लोग ये भी कह रहे हैं कि गहलोत से सीधी टक्कर लेने में भाजपा के लिए वसुंधरा एक ट्रंप कार्ड साबित हो सकती हैं। आपको बताते हैं कि भाजपा के लिए वसुंधरा राजे कितनी अहम हैं।

राजस्थान में भाजपा के लिए कितनी अहम हैं वसुंधरा राजे?

अगर राजस्थान में भाजपा के लिए वसुंधरा राजे की अहमियत समझनी है तो कुछ पुराने चुनावी नतीजों पर नजर डालनी होगी। वर्ष 1998 में कांग्रेस ने सूबे में हुए विधानसभा चुनावों में उस वक्त तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। 200 में से 152 विधानसभा सीटों पर मिली बंपर जीत के बाद अशोक गहलोत को सीएम बनाया गया। 5 साल बाद वर्ष 2003 के चुनाव में भाजपा वापस सत्ता में लौटी, उस वक्त पहली बार वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाया गया। भाजपा-कांग्रेस का ये सिलसिला 5-5 साल के लिए जारी रहा और वर्ष 2013 में जब विधानसभा हुआ और राजे के नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा तो ये जीत राजस्थान के इतिहास में सबसे बड़ी जीत साबित हुई।

भाजपा ने राजे के नेतृत्व में 163 सीटें जीतकर रचा इतिहास

साल 2013 में राजस्थान की लड़ाई अशोक गहलोत बनाम वसुंधरा राजे की हो चुकी थी। सूबे में भाजपा का चेहरा वसुंधरा थीं और कांग्रेस गहलोत के चेहरे पर अपना दांव खेलती थी। उस चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को कहीं का नहीं छोड़ा था। राजस्थान में कांग्रेस की वो अब तक की सबसे बड़ी हार थी। भाजपा ने 163 सीटों पर जीत का बिगुल बजाया तो कांग्रेस की झोली में सिर्फ 37 विधानसभा सीटें गईं। वसुंधरा राजे दूसरी बार राजस्थान की सीएम बनीं।

वसुंधरा राजे की अहमियत भाजपा भी बखूबी समझती है, मगर आखिर ऐसी क्या वजह है जो परिवर्तन रैली में राजे नजर नहीं आ रही हैं। क्या राजस्थान भाजपा में कुछ अंदरूनी अनबन का माहौल है या फिर वक्त के साथ धीरे-धीरे भाजपा की गाड़ी पटरी पर आ जाएगी। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, फिलहाल चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी अपनी जोर आजमाइश कर रही है।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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