चण्डीगढ़

पंजाब यूनिवर्सिटी का मामला फिर गर्माया, सीनेट-सिंडिकेट पुनर्गठन के मुद्दे पर 'आप' का विरोध; कहा-मजाक कर रही केंद्र सरकार

पंजाब यूनिवर्सिटी पीयू के शासी निकायों के पुनर्गठन के लिए भाजपा की केंद्र सरकार पर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस विश्वविद्यालय को व्यवस्थित तरीके से खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। आरोप लगाया कि सीनेटरों की संख्या 91 से घटाकर 31 कर दी गई है। लिहाजा हम इसका डटकर मुकाबला करेंगे।

Senate Syndicate of Panjab University

पंजाब यूनिवर्सिटी पीयू मामले में विरोध प्रदर्शन

चंडीगढ़ : पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) की सीनेट और सिंडिकेट के पुनर्गठन के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को भाजपा और केन्द्र सरकार की आलोचना की। आरोप लगाया कि भाजपा व आरएसएस इस विश्वविद्यालय को सुनियोजित तरीके से खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर सिंह कांग का आरोप है कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ मजाक करने का काम कर रही है। 4 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी कर पुराने फैसले को वापस ले लिया। उसके बाद पुराने फैसले को इंप्लीमेंट करने के लिए एक और नया नोटिफिकेशन जारी कर दिया। सीधे तौर पर केंद्र सरकार लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है।

मलविंदर सिंह कांग ने उठाया मुद्दा

मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि जिस चीज में किसी भी तरीके की टर्मिन करने का हक पंजाब विधानसभा के पास है, उसमें केंद्र का एक नोटिफिकेशन कैसे कम कर सकता है। यह सीधे तौर पर हमारे फेडरल स्ट्रक्चर पर हमला है। किसी भी तरीके के बिल या विधानसभा के अंदर कोई भी कदम उठाने की जरूरत होगी तो पंजाब सरकार उसके लिए तैयार है। इसी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हाई कोर्ट जाएंगे, जिससे केंद्र के इस फरमान को रद्द करवाएं जा सके। जब तक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के अंदर सिंडिकेट के इलेक्शन का ऐलान नहीं हो जाता, तब तक हमारा प्रदर्शन और धरना इसी तरीके से जारी रहेगा। हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।

पंजाब विश्वविद्यालय अधिनियम क्या है?

उधर, 28 अक्टूबर की अधिसूचना के जरिये पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट और सिंडिकेट के पुनर्गठन को लेकर केंद्र सरकार के हालिया कदम के खिलाफ जारी पीयू के छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। पंजाब विश्वविद्यालय अधिनियम, 1947 में संशोधन के बाद अधिसूचना जारी की गई है, जिसके तहत सीनेट के सदस्यों की संख्या घटाकर 31 कर दी गई है। इसके अलावा कार्यकारी निकाय सिंडिकेट के लिए चुनाव का प्रावधान और सीनेट के स्नातक निर्वाचन क्षेत्र को खत्म कर दिया गया।

छात्र विरोध प्रदर्शन न करने संबंधी हलफनामा देने के संबंध में इस साल जून में जारी पीयू के आदेश को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने इसे “अलोकतांत्रिक” बताते हुए दावा किया है कि हलफनामे में छात्रों को यह घोषणा करनी होगी कि वे विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शनों में भाग नहीं लेंगे। पंजाब विश्वविद्यालय कैंपस छात्र परिषद के महासचिव अभिषेक डागर हलफनामे के मुद्दे पर भूख हड़ताल पर हैं।

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Pushpendra Kumar
Pushpendra Kumar Author

गंगा यमुना के दोआब में स्थित उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से ताल्लुक है। गांव की गलियों में बचपन बीता और अब दिल्ली-एनसीआर में करियर की आपधापी जारी है।... और देखें

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