Independence Day Special:15 साल में इनकम डबल,जानें क्या था बांबे प्लान,जिसे टाटा-बिड़ला ने आजाद भारत के लिए किया था पेश
Independence Day Special And What Is Bombay Plan: साल 1944 में भारत के प्रमुख उद्योगपतियों ने मिलकर बांबे प्लान तैयार किया था। जिसके जरिए अगले 15 साल में भारत के विकास के पथ पर लाना था। इस प्लान को जे.आर.डी टाटा, घनश्याम दास बिड़ला, टेक्नोक्रैट सर आरदेशीर दलाल, डीएसएम के लाला श्रीराम, आरबीआई के डायरेक्टर कस्तूरभाई लालभाई, डी श्रॉफ, जॉन मथाई, पुरूषोत्तम दास ठाकुरदास को मिलकर बनाया था।
भारत को विकास पथ का था रोडमैप
Independence Day Special And What Is Bombay Plan:अंग्रेजों ने जब भारत छोड़ा, तो वह एक ऐसा भारत छोड़ कर गए थे, जो लूटा गया था। जिसके उद्योग धंधों और हुनर को चौपट कर दिया गया था। और वह देश जो कभी दुनिया की जीडीपी में 25-30 फीसदी हिस्सेदारी रखता था, वह गिरकर केवल 3 फीसदी (2.7 लाख करोड़ रुपये) पर आ गया था। असल में अंग्रेजों ने भारत को प्रोडक्शन हब की जगह कच्चे माल के सप्लायर के रूप में तब्दील कर दिया था। यानी कपड़े के लिए कपास तो भारत में पैदा होगा लेकिन कपड़ा बनकर इंग्लैंड से आएगा। इसी तरह सड़कों, रेल आदि का विकास केवल ब्रिटेन की इंडस्ट्री को देखकर किया जाता था। यही कारण था कि भारत पिछड़ता गया और एक गरीब देश के रूप में उसकी पहचान गई। लोग बमुश्किल 250 रुपये सालाना कमाते थे। जब आजादी करीब थी, उस समय कई भारतीय बिजनेसमैन और टेक्नोक्रैट ने मिलकर भारत के विकास के लिए, एक प्लान तैयार किया था। जिसके तहत अगले 15 साल में देश की इकोनॉमी को विकास की पटरी पर लाना था। इस प्लान को ही बांबे प्लान कहा जाता है।
क्या था बांबे प्लान
साल 1944 में भारत के प्रमुख उद्योगपतियों ने मिलकर बांबे प्लान तैयार किया था। जिसके जरिए अगले 15 साल में भारत के विकास के पथ पर लाना था। इस प्लान को जे.आर.डी टाटा, घनश्याम दास बिड़ला, टेक्नोक्रैट सर आरदेशीर दलाल, डीएसएम के लाला श्रीराम, आरबीआई के डायरेक्टर कस्तूरभाई लालभाई, डी श्रॉफ, जॉन मथाई, पुरूषोत्तम दास ठाकुरदास को मिलकर बनाया था।
15 साल में इनकम डबल
बॉम्बे योजना के प्रमुख फोकस अगले 15 साल के लिए रोडमैप बनाना था। इसके तहत कृषि क्षेत्र में खाद्यान्न उत्पादन को दोगुना करना और औद्योगिक क्षेत्र में पांच गुना विकास करना था। इसके लिए 100 अरब रुपये का निवेश करने की योजना तैयार करना था। इसके तहत मिक्सड इकोनॉमी मॉडल पर फोकस किया गया था। यानी सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर काम करेंगे। जिसमें सरकार की अहम भूमिका थीऔर इसके जरिए 15 साल में लोगों की इनकम की डबल करना था। हालांकि इस प्लान को सरकार द्वारा पूरी तरह से कभी स्वीकार नहीं किया गया। और भारत तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में पंचवर्षीय मॉडल को अपनाकर आगे बढ़ा
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