IMF World Economic Outlook: IMF की नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, 'इकोनॉमिक अनिश्चितता कोरोना काल से कहीं ज्यादा'

IMF World Economic Outlook: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपना World Economic Outlook (WEC) पब्लिश किया है। WEC रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल जीडीपी 2025 में 2.8% और 2026 में 3.0% बढ़ेगी। यूरो क्षेत्र के लिए, 2025 और 2026 के लिए ग्रोथ रेट क्रमशः 0.8% और 1.2% होगी।

IMF World Economic Outlook

IMF की नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

मुख्य बातें
  • IMF की नयी रिपोर्ट आई सामने
  • ग्लोबल इकोनॉमी पर बड़ा अनुमान
  • कोरोना से ज्यादा बुरे हैं हालात

IMF World Economic Outlook: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपना World Economic Outlook (WEC) पब्लिश किया है। WEC रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल जीडीपी 2025 में 2.8% और 2026 में 3.0% बढ़ेगी। यूरो क्षेत्र के लिए, 2025 और 2026 के लिए ग्रोथ रेट क्रमशः 0.8% और 1.2% होगी। ये पूर्वानुमान सिर्फ तीन महीने पहले पब्लिश IMF के आंकड़ों से काफी कम हैं। ग्लोबल लेवल पर, 2025 में ग्रोथ IMF के जनवरी अपडेट की तुलना में 0.5% कम है, जबकि यूरो क्षेत्र के लिए 0.2% की कमी है। एक सबसे अहम बात जो IMF ने रिपोर्ट में कही है वो ये है कि आर्थिक अनिश्चितता इस समय कोविड के दौरान जितनी थी, उससे कहीं अधिक है। यानी ग्लोबल इकोनॉमी के सामने कोविड पीरियड से ज्यादा उथल-पुथल वाले हालात हैं।

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7 महीनों में काफी कुछ बदला

आईएमएफ का विश्व व्यापार अनिश्चितता सूचकांक (world trade uncertainty index) इस समय अक्टूबर 2024 की तुलना में 7 गुना अधिक है, जो कोरोना के समय की तुलना में बहुत अधिक है। जहां तक अर्थव्यवस्था का सवाल है, इस समय इसे लिए अनिश्चितता बहुत अधिक है, लेकिन डेफिनिटिव टैरिफ से कहीं ज्यादा खराब है।

टैरिफ का असर और कॉस्ट

टैरिफ के साथ, कंपनियां कम से कम अपनी प्रोडक्शन चेन को फिर से ऑर्गेनाइज कर सकती हैं, और उपभोक्ता वैकल्पिक उत्पादों की तलाश कर सकते हैं। इसकी एक लागत है, लेकिन कम से कम बिजनेस और उपभोक्ता इसके लिए योजना बना सकते हैं।

हालाँकि, कोई भी इन लागतों की कैलकुलेशन नहीं कर सकता क्योंकि कोई नहीं जानता कि टैरिफ का असल नतीजा कैसे सामने आएगा। भले ही अमेरिका ने फिलहाल 90 दिनों के लिए रोक लगा दी है, मगर 90 दिन बाद के बाद का अनुमान लगाना मुश्किल है।

उदाहरण से समझें

रिपोर्ट में उदाहरण के हवाले से बताया गया है कि आज एक अमेरिकी कंपनी यह सोचकर यूरोप से एक खास उत्पाद खरीदने का फैसला ले सकती है कि टैरिफ 10% होगा, लेकिन जब वह उत्पाद अमेरिका पहुंचता है तो पता चलता है कि टैरिफ 100% हो गया है, क्योंकि राष्ट्रपति के एक सलाहकार ने कहा है कि उस उत्पाद पर टैरिफ बढ़ाना अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा होगा। यही वो अनिश्चितता है, जिसका जिक्र किया गया है।

राष्ट्रपति ट्रम्प के सलाहकारों पर सवाल

कोविड के दौरान लोगों को पता था कि वैक्सीन उपलब्ध होने और सामान्य स्थिति वापस आने में समय लगेगा। आज, वित्तीय बाजारों में अस्थिरता किसी वायरस से नहीं, बल्कि राष्ट्रपति ट्रम्प के अपने सलाहकारों से आती है जो उन्हें अमेरिकी आर्थिक हितों की रक्षा के लिए हर तरह की योजनाएँ बताते हैं।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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