Russia Ukraine war: महाजंग के एक साल पूरे, शह- मात के खेल में किसे क्या मिला

यूक्रेन के खिलाफ रूस जंग लड़ रहा है। एक साल पहले 24 फरवरी के दिन व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई छेड़ी थी। जानकार बताते थे कि तीन से चार दिन में नतीजा आ जाएगा। लेकिन लड़ाई लंबी खींच गई। सवाल यह है कि आखिर इससे किसको क्या हासिल हुआ।

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रूस-यूक्रेन जंग के एक साल पूरे

Russia Ukraine War: दिन 24 फरवरी लेकिन साल 2023 का था। इस दिन औपचारिक तौर पर रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग को जमीनी हकीकत में तब्दील कर दिया। हालांकि धमकी का दौर पहले से ही जारी था। इस जंग के एक साल पूरे हो चुके हैं और उसका असर यूक्रेन की तस्वीरों को देख कर समझा जा सकता है कि नुकसान किस पैमाने पर हुआ है। कीव की जंग, जेलेंस्की(Ukraine president Zelensky) को मात के बीच यूक्रेन में लाखों लोग बेघर हैं, हजारों महिलाएं बेवा और बच्चे यतीम। अगर बात रूस की करें तो पिछले एक साल में जमीनी तौर पर बहुत कुछ हासिल करने में व्लादिमीर पुतिन(Russian president Putin) भी कामयाब नहीं हैं, लेकिन यूक्रेन का भय उनकी नींद उड़ा चुका है। पुतिन कहते हैं कि उनकी लड़ाई किसी की जमीन के लिए नहीं है, बल्कि सुरक्षित रूस के लिए वो उन ताकतों से लड़ रहे हैं जो जेलेंस्की को शह देने में जुटे हैं, बता दें कि पुतिन को लगता है कि अगर यूक्रेन किसी तरह से नेटो में औपचारिक तौर पर शामिल हुआ तो मॉस्को को अनगिनत खतरों का सामना करना होगा। इस बीच यूक्रेन में शांति बहाली के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासंघ में वोटिंग हुई जिसमें 32 देश गैरमौजूद रहे जिसमें भारत भी शामिल था।

पिछले एक साल में क्या हुआ

  • 24 फरवरी 2022 को जंग का ऐलान हुआ, उसके तीन बाद यूक्रेन के डोनबास और लुहांस्क ने खुद को स्वतंत्र देश घोषित किया।
  • पुतिन के जंग के ऐलान के क्रम में करीब 2 लाख रूसी सेना बेलारुस के रास्ते यूक्रेन की तरफ बढ़ी
  • उत्तर पूर्व की तरफ से कीव पर चढ़ाई और पूर्व में डोनबास के जरिए खारकीव की तरफ रूसी सेना बढ़ी, क्रीमिया की तरफ जोपोरेज्जियास मारियापोल और ओडेसी की तरफ सेना बढ़ी
  • यूक्रेन के प्रमुख शहरों और बंदरगाहों पर रूस ने कब्जा किया। लेकिन यूक्रेन ज्यादातर इलाकों को वापस पाने में कामयाब रहा।
  • अगर नेटो देशों के अधिकारियों पर यकीन करें तो इस जंग में रूस को बड़ी क्षति हुई है, उसके करीब 1.80 लाख सैनिक और यूक्रेन के करीब 1 लाख सैनिक मारे या घायल हुए हैं।
  • यूक्रेन ने 23 फरवरी यानी शुक्रवार को दावा किया कि उसने रूस के डेढ़ लाख सैनिकों को मार गिराया है।
  • यूक्रेन ने अपने तरफ की जनहानि के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं दी है।
तबाही की तस्वीरें

रूस की सेना ने कैपिटल कीव को निशाना बनाते रहे हैं। कीव में जिस बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है उसे देखकर स्वाभाविक तौर पर कोई भी दहल जाएगा।

खारकीव और मारियापोल में किस तरह से तबाही मची। यह तस्वीर उसकी तस्दीक करती हैं

रूस का कहना है कि उसने कभी भी असैन्य इलाकों को निशाना नहीं बनाया। लेकिन जेलेंस्की कहते हैं कि पुतिन हमेशा झूठ बोलते रहे हैं।

जेलेंस्की का कहना है कि जिस तरह से पुतिन ने अनधिकृत तौर पर उनके देश को निशाना बनाया उसका वो पूरजोर जवाब दे रहे हैं। किसी भी कीमत पर वो रूस की दासता स्वीकार करने वाले नहीं हैं।

क्या कहते हैं जानकार

जानकार कहते हैं कि व्लादिमीर पुतिन सिर्फ इतना चाहते हैं कि इस तरह का भरोसा यूक्रेन की तरफ से मिले कि वो नेटो देशों का हिस्सा नहीं होगा। नेटो देशों का यूक्रेन की धरती पर आना रूस के लिए किसी भी मायने में सही नहीं होगा। अमेरिका और यूरोप के देश जिस तरह से यूक्रेन के कंधे पर बंदूक दाग रहे हैें उससे होने वाले असर को रूसी रणनीतिकार समझते हैं। रूस को यह पता है कि यूक्रेन तो सिर्फ मुखौटा है असली लड़ाई तो नेटो के मुल्क ही लड़ रहे हैं।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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