नासा ने भी माना जुलाई 2023 रहा 19वीं सदी के बाद का सबसे गर्म महीना, अगले साल दिखेगा असर
नासा का गोडार्ड इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस स्टडीज (GISS) इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि जुलाई 2023 19वीं सदी के बाद से पृथ्वी पर सबसे गर्म महीना था।
July 2023 Hottest Month
July 2023 Hottest Month: यूरोप-अमेरिका में इस साल पड़ी प्रचंड गर्मी के बीच आंकड़ों से साफ हो गया है कि जुलाई 2023, 19वीं सदी के बाद का सबसे गर्म महीना रहा। जुलाई में पूरे यूरोप और अमेरिका में गर्मी से हाहाकार मचा रहा और कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी। नासा का गोडार्ड इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस स्टडीज (GISS) इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि जुलाई 2023 19वीं सदी के बाद से पृथ्वी पर सबसे गर्म महीना था। यह किसी भी अन्य जुलाई महीने की तुलना में 0.24 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रहा। 1951 और 1980 के बीच जुलाई के औसत तापमान की तुलना में 1.18 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रहा। पिछली बार ग्रह इतना गर्म 1880 में था।
जुलाई 2023 अब तक का सबसे गर्म महीना
यूरोपीय संघ की जलवायु वेधशाला ने भी पुष्टि की कि जुलाई 2023 पृथ्वी पर अब तक का सबसे गर्म महीना था। नासा प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि नासा का डेटा पुष्टि करता है कि दुनिया भर के अरबों लोगों ने वास्तव में क्या महसूस किया। जुलाई 2023 में अत्याधिक तापमान ने इसे सबसे गर्म महीना बना दिया। देश के हर कोने में अमेरिकी अभी जलवायु संकट के प्रभावों को स्पष्ट रूप से अनुभव कर रहे हैं, जो राष्ट्रपति बिडेन के ऐतिहासिक जलवायु एजेंडे की जरूरत को दर्शाता है।' उन्होंने कहा कि हमें अपने ग्रह की रक्षा के लिए अभी से काम करना चाहिए।
औसत से 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि
औसत से 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ दक्षिण और उत्तरी अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका और अंटार्कटिक प्रायद्वीप के हिस्से विशेष रूप से गर्म रहे। अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों में से एक के अनुसार, मानव जनित कारणों, जिसमें ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन शामिल है, ग्रह पर असर डालने की अहम वजह है। हालांकि, तापमान में मौजूदा वृद्धि को पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र के गर्म होने के कारण पैदा हुए अल नीनो (El Nino) के प्रभाव को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। जीआईएसएस के निदेशक गेविन श्मिट ने कहा कि अल नीनो का सबसे बड़ा प्रभाव अगले साल होने की संभावना है।
गेविन श्मिट ने कहा, दुनिया भर में चिंताजनक वार्मिंग मुख्य रूप से इंसानों द्वारा पैदा की गई है। प्रमुख कारण हैं ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन। औसत तापमान में वृद्धि अत्यधिक गर्मी को बढ़ावा दे रही है जिसका सामना दुनिया भर में लोग कर रहे हैं। तापमान में इस तरह की वृद्धि से चक्रवात, सूखा और जंगल की आग जैसी गंभीर प्राकृतिक आपदाएं पैदा हो रही हैं।
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करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
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