satcom services (image-istock)
TRAISpectrum Allocation Methodology: दूरसंचार नियामक ट्राई ने सैटेलाइट कंपनियों को देश में कॉल करने, मैसेज भेजने, ब्रॉडबैंड और अन्य सेवाएं देने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करने के तरीके और मूल्य का पता लगाने के लिए शुक्रवार को परामर्श प्रक्रिया शुरू की।
स्पेक्ट्रम मूल्य और आवंटन पद्धति पर फैसले से पूरे भारत में एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक, भारती समूह समर्थित वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशन जैसी कंपनियों की सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए रास्ता खुलेगा। सरकार ने दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत प्रशासनिक प्रक्रिया के जरिए बिना नीलामी के ज्यादातर सैटेलाइट सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला किया है।
ये भी पढ़ें: Amazon-Flipkart सेल भूल जाएंगे, Apple ला रहा दिवाली फेस्टिवल ऑफर
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने परामर्श प्रक्रिया में सैटेलाइट कंपनियों को रेडियो तरंगें आवंटित करने के वैकल्पिक तरीकों पर विचार मांगे हैं। ट्राई ने 21 बिंदुओं पर कमेंट्स आमंत्रित की हैं। इनमें स्पेक्ट्रम शुल्क निर्धारित करने की विधि, सैटेलाइट संचार सेवाओं के लिए फ्रीक्वेंसी बैंड और स्पेक्ट्रम वापस करने का प्रावधान आदि शामिल हैं। नियामक ने इस पर सुझाव के लिए 18 अक्टूबर और जवाबी टिप्पणियों के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है।
दूरसंचार विभाग ने ट्राई से सैटेलाइट आधारित कम्युनिकेशन सर्विस के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों के साथ समान अवसर उपलब्ध कराने पर विचार करने को कहा है, जिसके लिए एनजीएसओ (गैर-भूस्थिर कक्षा) आधारित स्थिर सैटेलाइट सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जो डेटा संचार और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेंगी, साथ ही मोबाइल सैटेलाइट सर्विस भी प्रदान करेंगी, जो आवाज, टेक्स्ट, डेटा और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेंगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। टेक एंड गैजेट्स (Tech-gadgets News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।