टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने को तैयार भारत: जितेंद्र सिंह
India Ready to Lead World Technology Field: जितेंद्र सिंह ने कहा, 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी भारत के उस दृष्टिकोण की आधारशिला है, जिसके तहत को इनोवेशन, आर्थिक विकास और जलवायु परिवर्तन तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण ग्लोबल मुद्दों के समाधान के लिए एक वैश्विक केंद्र में तब्दील करना है।"

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India Ready to Lead World Technology Field: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों (ट्रांसफॉर्मेटिव टेक्नोलॉजी) के साथ दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। उन्होंने शनिवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में "टेक्नोलॉजी डायलॉग 2025" को संबोधित किया।
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जितेंद्र सिंह ने इस कार्यक्रम में 'विजन इंडिया टेकेड' का अनावरण किया, जिसमें भारत के लिए विशेष रूप से इनोवेशन और प्रौद्योगिकी में ग्लोबल नेतृत्व की भूमिका की परिकल्पना की गई है। जितेंद्र सिंह ने अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ), राष्ट्रीय क्वांटम मिशन और भारत एआई मिशन जैसी पहलों को उजागर करते हुए कहा, 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी भारत के उस दृष्टिकोण की आधारशिला है, जिसके तहत को इनोवेशन, आर्थिक विकास और जलवायु परिवर्तन तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण ग्लोबल मुद्दों के समाधान के लिए एक वैश्विक केंद्र में तब्दील करना है।"
उन्होंने 2020 के दशक को 'टेकेड फॉर इंडिया' बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने ने कहा, "भारत के लिए ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है।" जितेंद्र सिंह ने कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के साथ साझेदारी करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य समान साझेदारियों को बढ़ावा देना है जो ग्लोबल चुनौतियों का समाधान करें तथा भारत की 'ग्लोबल वैल्यू चेन' में एकीकरण को भी बढ़ावा दें।"
उन्होंने कहा कि नैतिक प्रौद्योगिकी शासन, जिम्मेदार इनोवेशन और मजबूत बौद्धिक संपत्ति सुरक्षा बहुत जरूरी है, ताकि प्रौद्योगिकी प्रगति का लाभ सभी को मिले सके। इस कार्यक्रम में भारत के जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बताया गया, जिसमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न और एक सहायक नीति वातावरण है, जो अग्रिम प्रौद्योगिकियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए एक आकर्षण केंद्र बन रहा है।
सिंह ने वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने और समान तकनीकी (प्रौद्योगिकी) साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए मजबूत बौद्धिक संपत्ति अधिकार ढांचे के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम में चर्चा का एक और मुख्य बिंदु अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत करने में भारतीय प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
उन्होंने कहा कि वैभव शिखर सम्मेलन और ओसीआई वैज्ञानिक योजना जैसी पहल विदेशों में भारतीय इनोवेटर्स को घरेलू हितधारकों से जोड़ती हैं, ताकि सह-नवप्रवर्तन और क्षमता निर्माण को बढ़ावा मिल सके।
जितेंद्र सिंह ने कहा, "भारत की तकनीकी यात्रा ग्लोबल प्रगति में सार्थक योगदान देने के साथ-साथ सतत और समावेशी विकास सुनिश्चित करने के बारे में है। अपनी प्रतिभा, गतिशील स्टार्टअप और ग्लोबल भागीदारी के साथ, भारत परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों (ट्रांसफॉर्मेटिव टेक्नोलॉजी) द्वारा संचालित भविष्य में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।"
इनपुट-आईएएनएस
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