Pashupatinath Vrat Samagri List: पशुपति नाथ व्रत कैसे करें? यहां से नोट करें पूजा की सामग्री, पूरी लिस्ट
Pashupatinath Vrat Samagri List: पशुपतिनाथ व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित व्रत है जो सोमवार के दिन रखा जाता है। अगर आप भी ये व्रत रखना चाहते हैं तो आप सबसे पहले यहां से पूजा की सामग्री लिस्ट नोट कर लें। साथ ही यहां आपको पूजा की विधि भी बताई गई है।

Pashupatinath Vrat Samagri List
Pashupatinath Vrat Samagri List: भगवान शिव को पशुपतिनाथ भी कहा जाता है। पशुपति का अर्थ है इस ब्रह्माण्ड में पाए जाने वाले समस्त जीवों का मालिक यानी कि समस्त जीवन के देवता हैं। पशुपतिनाथ व्रत एक पवित्र व्रत है जो व्यक्ति के पापों को नाश करने में मदद करता है। पशुपति नाथ व्रत को सोमवार को िकया जाता है। इसे लगातार पांच सोमवार तक रखने का विधान है। व्रत के दौरान किए गए स्नान, पूजा, मंत्र जाप और दान से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप इस व्रत को करना चाहते हैं तो यहां से पूरा की सामग्री लिस्ट और पूजा की विधि देख सकते हैं।
पूजा सामग्री लिस्ट -
- बेलपत्र- बेलपत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय होते हैं और पशुपति व्रत में अनिवार्य रूप से चढ़ाये जाते हैं।
- फल- सुबह के भोग के लिए कोई भी मौसमी फल या मिठाई ली जा सकती है।
- मिश्री, चीनी, मिठाई- ये भगवान को भोग लगाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- चंदन, रोली, अक्षत- ये तिलक लगाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- जनेऊ, मौली- ये वस्त्र स्वरूप भगवान को समर्पित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- पंचामृत- दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण, जो भगवान को अभिषेक के लिए चढ़ाया जाता है।
- घी, दीपक- भगवान की पूजा में दीपक जलाया जाता है।
- अगरबत्ती- पूजा के दौरान खुशबू के लिए अगरबत्ती का उपयोग किया जाता है।
पूजा विधि-
पशुपति व्रत जिस सोमवार से शुरू करने जा रहे हैं उस दिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर पांच सोमवार व्रत करने का संकल्प लें।
इसके बाद अपने घर के पास के शिव मंदिर में जाएं। साथ में पूजा की थाली भी लेकर जाएं। जिसमें धूप, दीप, चंदन, लाल चंदन, विल्व पत्र, पुष्प, फल, जल जरूर शामिल करें। मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद पूजा की थाली को घर आकर ऐसे ही रख दें। फिर शाम के समय स्नान कर फिर से स्वच्छ वस्त्र धारण करें और शिव मंदिर जाएं। सुबह तैयार की गई पूजा थाली में मीठा प्रसाद और छः दीपक भी रख लें। प्रसाद को बराबर तीन भाग में बांट लें। जिनमें दो भाग भगवान शिव को चढ़ाएं और बचा हुआ एक भाग अपनी थाली में रख लें। इसके बाद आप जो 6 दिए लाएं हैं उनमें से पांच दिए भगवान शिव के समक्ष जलाएं। बचा हुआ दिया अपने घर पर ले जाएं और इस दिए को घर में प्रवेश करने से पहले मुख्य द्वार के दाहिने ओर जलाकर रख दें। फिर घर में प्रवेश करने के बाद भोग का एक भाग खुद ग्रहण करें। इस बात का ध्यान रखें कि ये प्रसाद किसी और को खाने के लिए नहीं देना है। इस व्रत में शाम में भोजन ग्रहण किया जा सकता है।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर कॉपी एडिटर कार्यरत हूं। मूल रूप से बिहार की रहने वाली हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में मेरी सबसे ज्यादा दिलचस्पी...और देखें

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