Bhasma Aarti: क्या होती है भस्म आरती, क्यों महिलाएं निकालती हैं घूंघट - जानें इसका रहस्य
Mahakal Bhasm Aarti, Ujjain: भस्म आरती भगवान शिव की आरतियों में सबसे खास होती है। इस आरती के लिए श्मशान में जलने वाली सुबह की पहली चिता से भगवान शिव का श्रृंगार किया जाता है। महिलाओं और पुरुषों के लिए भस्म आरती में शामिल होने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं।

Mahakal Bhasm Aarti, Ujjain: महाकाल को भगवान शिव के सबसे रहस्यमयी स्वरूपों में से एक माना जाता है। भोलेनाथ का ये स्वरूप पवित्र और तीर्थ नगरी उज्जैन में विराजमान है। बता दें कि महाकाल की पांच आरतियां होती हैं जिनमें सबसे खास मानी जाती है भस्म आरती। इस आरती में महाकाल का चिता की राख से श्रृंगार किया जाता है। इस आरती के कड़े नियम तय किए गए हैं जिसमें महिलाओं को घूंघट करके ही आरती में आना होता है।
Bhasm Aarti Kya hai
पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में दूषण नाम का एक राक्षस था। उसके वजह से उज्जैन वासी परेशान हो चुके थे। वहां के लोगों को उस अत्याचारी राक्षस से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शिव ने उसका वध कर दिया। उस अत्याचारी राक्षस के मारे जानें पर नगरवासियों ने भगवान शिव से वहीं बसने का अनुरोध किया। तब भगवान शिव महाकाल के रूप में वही बस गए।
मान्यता है कि शिव जी ने दूषण को भस्म करने के बाद बची राख को खुद पर लगाया था। इसी पौराणिक कहानी के आधार पर ही इस शिव मंदिर का नाम महाकालेश्वर रखा गया।
उज्जैन की भस्म आरती के क्या नियम हैं
महाकालेश्वर मंदिर में शमशान में जलने वाली पहली चिता से शिव जी का श्रृंगार किया जाता है। इस मंदिर में दिन में 6 बार भगवान शिव के अलग- अलग स्वरूपों की आरती की जाती है। भस्म आरती केवल मंदिर के पुजारी ही करते हैं। पुरुषों को इसमें धोती पहनकर शामिल होने का नियम है।
वहीं इस मान्यता के चलते कि भगवान शिव निराकार स्वरूप में होते हैं, महिलाओं को भोलेनाथ के इस रूप के दर्शन करने की अनुमति नहीं है। उनको साफ और सूती साड़ी पहनकर घूंघट करके ही इस आरती में आने की अनुमति मिलती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

Vat Savitri Vrat Niyam: वट सावित्री व्रत करने वाली महिलाएं कर लें नोट, व्रत में ना हो चूक, ये चीजें होती हैं वर्जित

Aaj ka Panchang: 16 मई को एकदंत संकष्टी चतुर्थी, नोट करें दिन भर का शुभ मुहूर्त, क्या है नक्षत्र, करण और योग

रोज पढ़ते हैं गायत्री मंत्र, लेकिन क्या जानते हैं इसका अर्थ?

18 मई से इन राशियों पर बरसेगा राहु-केतु का कहर, हो सकता है बड़ा नुकसान, चेक करें कहीं आपकी राशि तो इसमें नहीं?

Vrishabh Sankranti 2025: अपनी राशि से वृषभ में आ रहे हैं सूर्य देव, किन राशियों के लिए लाएंगे लाभ, किनको होगा नुकसान
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited