Krishna Janmashtami Puja 2023: कृष्ण की पूजा में वर्जित है गंगाजल, जानें इसके पीछे का कारण

Krishna Janmashtami 2023: सनातन धर्म में गंगाजल को बहुत ही पवित्र माना गया है। हर काम में गंगाजल का प्रयोग करना उचित होता है। कृष्ण की पूजा में गंगाजल का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता है। इसके पीछे क्या वजह है। यहां जानें सारी जानकारी।

Krishna Janmashtami 2023

Krishna Janmashtami 2023

Krishna Janmashtami 2023: सनातन धर्म में हर देवी -देवता के लिए पूजा के अलग- अलग नियम बनाये गए हैं। शास्त्रों में जो नियम बनाये गए हैं उन नियमों के साथ पूजा- पाठ करना फलदायी माना जाता है। भगवान कृष्ण की पूजा हर घर में की जाती है। उनके बाल स्वरूप को लोग लड्डू गोपाल कहकर पुकारते हैं और उनकी मूर्ति अपने घर में स्थापित करते हैं। सुबह शाम उनकी पूजा- अर्चना कर उन्हें भोग लगाया जाता है। साधक बाल गोपाल को अपने बच्चे की भांति रखते हैं। शास्त्रों में उनकी पूजा के लिए भी विशेष नियम बताये गए हैं। जहां गंगाजल को सबसे पवित्र माना जाता है। वहीं कृष्ण की पूजा में गंगाजल का प्रयोग वर्जित है। आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है।

गंगाजल का प्रयोग क्यों है वर्जित

  • हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार गंगा के पानी को बेहद पवित्र माना जाता है। हर देवी-देवता की पूजा में गंगा जल का उपयोग किया जाता है, लेकिन कृष्ण की पूजा में गंगा जल का कोई स्थान नहीं है। इसका कारण यह माना जाता है कि जब भगीरथ ने कठोर तपस्या के बाद ब्रह्मदेव से मां गंगा को धरती पर भेजने की प्रार्थना की थी तो ब्रह्म देव ने मां गंगा को अपने कमंडल से निकाल दिया था।
  • ऐसा माना जाता है कि जब मां गंगा धरती पर आ रही थी तो उन्होंने सबसे पहले भगवान विष्णु का चरण स्पर्श किया उसके बाद शिव की जटाओं में समा गई । इस कारण भी विष्ण के किसी भी अवतार का गंगाजल से अभिषेक नहीं किया जाता है।
  • ऐसी भी मान्यता है कि कृष्ण के जीवन में यमुना मैया का पहले ही उत्तम स्थान है वो उनकी पटरानी कहलाती हैं। इस कारण ये पवित्र नदी के होते हुए दूसरी पवित्र नदी को अपने जीवन में स्थान देना कृष्ण के लिए अनुचित था। इस कारण भी गंगाजल का प्रयोग नहीं किया जाता है।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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