Jaya Ekadashi Puja Vidhi: जया एकादशी के दिन इस विधि से करें पूजा, यहां जानें पूरा नियम
Jaya Ekadashi 2024 Puja Vidhi: जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा और व्रत किया जाता है।ऐसा माना जाता है जया एकादशी का व्रत करने से पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं जया एकादशी के दिन किस विधि से करें पूजा।
Jaya Ekadashi 2024 Puja Vidhi
Jaya Ekadashi 2024 (जया एकादशी डेट )
जया एकादशी का व्रत इस बार 20 फरवरी 2024 को मंगलवार के दिन रखा जाएगा। ये व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। सबसे खास बात यह है कि इस व्रत के दिन आयुष्मान योग के अलावा त्रिपुष्कर योग और प्रीति योग का भी अभ्यास किया जाता है। इस कारण से जया एकादशी के दिन व्रत करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होगी।
Jaya Ekadashi 2024 Puja Vidhi (जया एकादशी पूजा विधि)
- जया एकादशी के दिन आप सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत रखें।
- भगवान विष्णु को स्नान कराएं। विष्णु जी को पीला वस्त्र पहनाएं।
- इसके बाद फूल, फल, धूप, दीप, अक्षत, वस्त्र, कलावा, आदि अर्पित किए जाते हैं।
- जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु को नारियल चढ़ाना न भूलें।
- नारियल को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
- इसके बाद भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करें।
- भगवान विष्णु द्वारा रचित विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी करें।
- विष्णु चालीसा और लक्ष्मी चालीसा का पाठ भी शुभ माना जाता है।
- इसके बाद भगवान विष्णु को भोग लगाएं।
- भोग लगाने के बाद श्री हरि नारायण की आरती करें।
जया एकादशी नियम ( Jaya Ekadashi Niyam )- तामसिक भोजन आदि नहीं करना चाहिए।
- इस दिन तुलसी दल से श्रीहरि की पूजा करें, लेकिन एक दिन पहले तुलसी दल तोड़कर रख लें।
- व्रत वाले दिन आहार में चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- व्रत रखने वालों को क्रोध और दूसरों की बुराई करने से बचना चाहिए।
- आपको किसी के बारे में कुछ भी बुरा नहीं कहना या सोचना चाहिए।
- व्रत रखने वालों को नाखून, बाल, दाढ़ी आदि नहीं काटना चाहिए।
- व्रत के दिन और इस दिन महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए।
जया एकादशी महत्व (Jaya Ekadashi Importance )
पुराणों में माघ मास को अत्यंत शुभ बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में ग़ुस्ल, ज़कात और रोज़े का असर अन्य महीनों की तुलना में अधिक होता है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को "जया एकादशी" कहा जाता है। यह एकादशी बहुत ही शुभ होती है और इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को निम्न जीवन से मुक्ति मिल जाती है। पद्म पुराण के अनुसार, श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी तिथियों का महत्व समझाते हुए बताया कि जया एकादशी प्राणी के वर्तमान और पिछले जन्म के सभी पापों को दूर करने वाली सर्वोत्तम तिथि है।इसके अलावा ब्रह्महत्या और पिशाचिनी जैसे जघन्य पाप भी दूर हो जाएंगे। शास्त्रों के अनुसार इस एकादशी का व्रत करने से पिशाच और भूत-प्रेत की दुनिया में नहीं जाना पड़ता और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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