July Panchang (श्रावण पंचांग)

10

July
2025

05:30 - 19:2219:18 - चन्द्रास्त नहीं
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26, पूर्णिमा

शुक्ल पक्ष, 2082 विक्रम सम्वत, पूर्वाषाढ़ा,

नई दिल्ली,India

Sunday
Monday
Tuesday
Wednesday
Thursday
Friday
Saturday

चतुर्थी - 09:17
शुक्ल

29

15
आश्लेषा - 06:35

05:2509:13

पंचमी - 09:26
शुक्ल

30

16
मघा - 07:21

05:2610:11

षष्ठी - 10:23
शुक्ल

1

17
पूर्वा फाल्गुनी - 08:54

05:2611:07

सप्तमी - 12:00
शुक्ल

2

18
उत्तरा फाल्गुनी - 11:07

05:2612:01

अष्टमी - 14:08
शुक्ल

3

19
हस्त - 13:51

05:2712:54

नवमी - 16:33
शुक्ल

4

20
चित्रा - 16:50

05:2713:46

दशमी - 19:01
शुक्ल

5

21
स्वाति - 19:51

05:2814:41

एकादशी - 21:17
शुक्ल

6

22
विशाखा - 22:42

05:2815:37

द्वादशी - 23:12
शुक्ल

7

23
अनुराधा - 25:12

05:2816:34

त्रयोदशी - 24:40
शुक्ल

8

24
ज्येष्ठा - 27:16

05:2917:32

चतुर्दशी - 25:39
शुक्ल

9

25
मूल - 28:50

05:2918:27

पूर्णिमा - 26:08
शुक्ल

10

26
पूर्वाषाढ़ा - पूर्ण रात्रि

05:3019:18

प्रतिपदा - 26:10
कृष्ण

11

27
पूर्वाषाढ़ा - 05:56

05:3020:04

द्वितीया - 25:48
कृष्ण

12

28
उत्तराषाढ़ा - 06:37

05:3120:45

तृतीया - 25:05
कृष्ण

13

29
श्रवण - 06:54

05:3121:22

चतुर्थी - 24:02
कृष्ण

14

30
धनिष्ठा - 06:50

05:3221:55

पंचमी - 22:41
कृष्ण

15

31
शतभिषा - 06:27

05:3222:26

षष्ठी - 21:04
कृष्ण

16

1
पूर्वाभाद्रपद - 05:47

05:3322:57

सप्तमी - 19:11
कृष्ण

17

2
रेवती - 27:39

05:3323:30

अष्टमी - 17:04
कृष्ण

18

3
अश्विनी - 26:14

05:3424:06

नवमी - 14:44
कृष्ण

19

4
भरणी - 24:38

05:3424:47

दशमी - 12:15
कृष्ण

20

5
कृत्तिका - 22:54

05:3525:36

एकादशी - 09:41
कृष्ण

21

6
रोहिणी - 21:07

05:3526:32

द्वादशी - 07:07
कृष्ण

22

7
मृगशिरा - 19:25

05:3627:34

चतुर्दशी - 26:31
कृष्ण

23

8
आर्द्रा - 17:55

05:3728:42

अमावस्या - 24:43
कृष्ण

24

9
पुनर्वसु - 16:44

05:37चन्द्रोदय नहीं

प्रतिपदा - 23:25
शुक्ल

25

10
पुष्य - 16:01

05:3805:50

द्वितीया - 22:44
शुक्ल

26

11
आश्लेषा - 15:53

05:3806:56

तृतीया - 22:44
शुक्ल

27

12
मघा - 16:24

05:3907:57

चतुर्थी - 23:26
शुक्ल

28

13
पूर्वा फाल्गुनी - 17:36

05:3908:54

पंचमी - 24:48
शुक्ल

29

14
उत्तरा फाल्गुनी - 19:28

05:4009:50

षष्ठी - 26:43
शुक्ल

30

15
हस्त - 21:53

05:4010:45

सप्तमी - 29:00
शुक्ल

31

16
चित्रा - 24:42

05:4111:37

अष्टमी - पूर्ण रात्रि
शुक्ल

1

17
स्वाति - 27:41

05:4212:31

अष्टमी - 07:25
शुक्ल

2

18
विशाखा - पूर्ण रात्रि

05:4213:28

शुभ मुहूर्त

FAQs

मासिक पंचांग क्या होता है?

मासिक पंचांग एक वैदिक कैलेंडर है जो पूरे महीने के तिथियों, नक्षत्रों, योग, करण, वार, चंद्र राशि, सूर्योदय-सूर्यास्त समय, व्रत-त्योहार और शुभ मुहूर्त की जानकारी प्रदान करता है।

क्या मासिक पंचांग सभी स्थानों के लिए समान होता है?

नहीं, पंचांग स्थान के अनुसार बदलता है क्योंकि सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्रोदय के समय अलग-अलग स्थानों पर अलग होते हैं। इसलिए अपने शहर या स्थान के अनुसार पंचांग देखना ज़रूरी है।

मासिक पंचांग कहां से प्राप्त करें?

आप हमारे वेबसाइट या ऐप पर जाकर अपनी तिथि, महीना, वर्ष और स्थान भरकर मासिक पंचांग की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

मासिक पंचांग का क्या महत्व है?

मासिक पंचांग से हम धार्मिक अनुष्ठान, व्रत, त्योहार, विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन जैसे कार्यों के लिए शुभ तिथियां जान सकते हैं। यह जीवन के शुभ निर्णयों के लिए दिशा देता है।
हिंदू कैलेंडर में दिन की शुरुआत स्थानीय सूर्योदय से मानी जाती है और यह अगले दिन के सूर्योदय पर समाप्त होता है। चूँकि प्रत्येक स्थान पर सूर्योदय का समय अलग होता है, इसलिए जो हिंदू कैलेंडर एक शहर के लिए उपयुक्त होता है, वह किसी अन्य स्थान के लिए सही नहीं माना जा सकता। इसी कारण, स्थान-विशिष्ट कैलेंडर जैसे कि Timesnowhindi.com का उपयोग करना अधिक सटीक और आवश्यक होता है।

हिंदू दिन को पांच भागों में विभाजित किया गया है, जिन्हें "अंग" कहा जाता है। ये पाँच अंग इस प्रकार हैं:
  • तिथि
  • नक्षत्र
  • योग
  • करण
  • वार (सप्ताह के सात दिनों में से कोई एक)
इन सभी पाँच अंगों को मिलाकर "पंचांग" कहा जाता है। संस्कृत में ‘पंचांग’ शब्द ‘पंच’ (अर्थात पाँच) और ‘अंग’ (अर्थात भाग) से मिलकर बना है। इसलिए, वह हिंदू कैलेंडर जो इन सभी पाँच अंगों को प्रदर्शित करता है, पंचांग कहलाता है। दक्षिण भारत में इसे ‘पंचांगम’ के नाम से जाना जाता है।

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