मैं ने देखा इक फ़रिश्ता बाप की परछाईं में.., दिल जीत लेगी पिता पर शायरी, पढ़ें पिता पर मशहूर शेर हिंदी में

पिता केवल पालनहार नहीं होते, वो चरित्र, साहस और सम्मान के अदृश्य शिल्पकार होते हैं। वो कम बोलते हैं, पर उनकी हर चुप्पी में एक पूरी किताब होती है..प्रेम, त्याग और तपस्या की। पिता पर कई शायरों ने दिल छू लेने वाले शेर लिखे हैं।

मैं ने देखा इक फ़रिश्ता बाप की परछाईं में.., दिल जीत लेगी पिता पर शायरी, पढ़ें पिता पर मशहूर शेर हिंदी में

बाप… एक ऐसा शब्द जो कम कहा जाता है, पर सबसे गहराई से महसूस होता है। वो अक्सर पसीने में भीगे कपड़ों में दिखते हैं, पर आंखों में हमेशा आपके सपनों की चमक लिए होते हैं। पिता की ममता शब्दों में नहीं, उनके खामोश संघर्षों में होती है। वो छांव नहीं मांगते, खुद धूप में खड़े होकर हमें सुकून देते हैं। जब हम गिरते हैं, वह चुपचाप सहारा बन जाते हैं। जब हम हारते हैं, वो बिना कहे विश्वास बन जाते हैं। उनके प्यार की कोई शर्त नहीं होती, बस जिम्मेदारियों की एक लंबी सूची होती है। वो सिखाते हैं उड़ना, पर खुद हमेशा ज़मीन पर रहते हैं। इसी पिता के लिए दुनियाभर के मशहूर शायरों ने एक से बढ़कर एक खूबसूरत शायरियां लिखी हैं। आइए पढ़ते हैं पिता पर लिखे चंद मशहूर शेर:

Happy Fathers Day Shayari in Hindi

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1. हमें पढ़ाओ न रिश्तों की कोई और किताब

पढ़ी है बाप के चेहरे की झुर्रियां हम ने

- मेराज फ़ैज़ाबादी

2. मुझ को छांव में रखा और ख़ुद भी वो जलता रहा

मैं ने देखा इक फ़रिश्ता बाप की परछाईं में

- अज्ञात

3. घर लौट के रोएंगे मां बाप अकेले में

मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में

- क़ैसर-उल जाफ़री

4. मां की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है

आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है

- अंजुम सलीमी

5. मां बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत

है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे ने'मत

- अल्ताफ़ हुसैन हाली

6. हम ऐसी कुल किताबें क़ाबिल-ए-ज़ब्ती समझते हैं

कि जिन को पढ़ के लड़के बाप को ख़ब्ती समझते हैं

- अकबर इलाहाबादी

7. ये सोच के मां बाप की ख़िदमत में लगा हूं

इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा

- मुनव्वर राना

8. बेटियां बाप की आंखों में छुपे ख़्वाब को पहचानती हैं

और कोई दूसरा इस ख़्वाब को पढ़ ले तो बुरा मानती हैं

- इफ़्तिख़ार आरिफ़

9. उन के होने से बख़्त होते हैं

बाप घर के दरख़्त होते हैं

- अज्ञात

10. अज़ीज़-तर मुझे रखता है वो रग-ए-जां से

ये बात सच है मिरा बाप कम नहीं मां से

- ताहिर शहीर

11. घर की इस बार मुकम्मल मैं तलाशी लूंगा

ग़म छुपा कर मिरे मां बाप कहां रखते थे

- साजिद जावेद साजिद

12. मुद्दत के बाद ख़्वाब में आया था मेरा बाप

और उस ने मुझ से इतना कहा ख़ुश रहा करो

- अब्बास ताबिश

13. दूर रहती हैं सदा उन से बलाएं साहिल

अपने मां बाप की जो रोज़ दुआ लेते हैं

- मोहम्मद अली साहिल

14. बाप ज़ीना है जो ले जाता है ऊंचाई तक

मां दुआ है जो सदा साया-फ़िगन रहती है

- सरफ़राज़ नवाज़

15. देर से आने पर वो ख़फ़ा था आख़िर मान गया

आज मैं अपने बाप से मिलने क़ब्रिस्तान गया

- अफ़ज़ल ख़ान

16. वो वक़्त और थे कि बुज़ुर्गों की क़द्र थी

अब एक बूढ़ा बाप भरे घर पे बार है

- मुईन शादाब

17. मेरा भी एक बाप था अच्छा सा एक बाप

वो जिस जगह पहुंच के मरा था वहीं हूं मैं

- रईस फ़रोग़

18. इन का उठना नहीं है हश्र से कम

घर की दीवार बाप का साया

- अज्ञात

19. हंसते हुए मां-बाप की गाली नहीं खाते

बच्चे हैं तो क्यूं शौक़ से मिट्टी नहीं खाते

- मुनव्वर राना

20. देर से आने पर वो ख़फ़ा था आख़िर मान गया

आज मैं अपने बाप से मिलने क़ब्रिस्तान गया

- अफ़ज़ल ख़ान

21. फ़ैसले लम्हात के नस्लों पे भारी हो गए

बाप हाकिम था मगर बेटे भिकारी हो गए

- राहत इंदौरी

पिता केवल पालनहार नहीं होते, वो चरित्र, साहस और सम्मान के अदृश्य शिल्पकार होते हैं। वो कम बोलते हैं, पर उनकी हर चुप्पी में एक पूरी किताब होती है..प्रेम, त्याग और तपस्या की।

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Suneet Singh author

सुनीत सिंह टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर कार्यरत हैं। टीवी और डिजिटल पत्रकारिता में 13 साल का अनुभव है। न्यूज़रूम में डेस्क पर...और देखें

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