Judai Shayari: जिसकी आंखों में कटी थीं सदियां, उसने सदियों की जुदाई दी है.., पढ़ें इश्क में जुदाई पर 21 बेहतरीन शेर

Judai Shayari 2 line ( जुदाई शायरी 2 लाइन ): जुदाई प्रेम का वो हिस्सा है जो प्यार में डूबे लोगों के लिए किसी नासूर से कम नहीं होता। प्रेमी सारी दुनिया से लड़ लेंगे लेकिन जुदाई का दर्द उन्हें अंदर से तोड़कर रख देता है। कई शायरों ने जुदाई के एहसास में भीगे हुए लाजवाब शेर लिखे हैं। 'इरशाद' के आज के अंक में डालते हैं नजर जुदाई पर लिखी कुछ बेहतरीन शायरियों पर:

Judai Shayari 2 line

Judai Shayari 2 line, दर्दे मोहब्बत दर्दे जुदाई शायरी

Judai Shayari in Hindi, Urdu (दर्दे मोहब्बत दर्दे जुदाई शायरी) : मिलना और बिछड़ना प्रेम के साथ ही जिंदगी में शामिल होते हैं। मोहब्बत में जुदाई का ग़म ऐसा होता है जो बड़ी मुश्किल से भुलाया जा पाता है। कई शायरों ने इस जुदाई को महसूस किया और अपने एहसासों को बड़ी खूबसूरती से कागज पर उतारा है। शायरी के रूप में कई मशहूर शायरों ने जुदाई के कई रंगों से लोगों को रूबरू करवाया है। जुदाई पर यूं तो बहुत कुछ लिखा पढ़ा गया है, लेकिन हम आपके लिए लाए हैं उन्हीं में से 21 बेहतरीन शेर। आइए डालते हैं नजर इश्क में जुदाई पर लिखे तमाम शायरों के लाजवाब शेर:

Judai Shayari 2 line | मिलन जुदाई शायरी | प्रेमिका से बिछड़ने की शायरी

ये मुलाक़ात आख़िरी तो नहीं

हम जुदाई के डर से पूछते हैं

-राहत इंदौरी

हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई था अगर

फिर ये हंगामा मुलाक़ात से पहले क्या था

- एजाज़ गुल

मैं टूट जाता हूँ और दूर जा बिखरता हूँ

अगर जुदाई का सदमा ज़रा भी होता है

-अज्ञात

आंख अब तेरी जुदाई पे खुली

होश में तुझ को गंवाकर आया

-रशीद कामिल

उसको रुख़्सत तो किया था मुझे मालूम न था

सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला

-निदा फ़ाज़ली

जाने उसकी जुदाई क्या होगी

जिसका मिलना ही हादसा है मुझे

-रूही कंजाही

पीली पीली रुत जुदाई की अचानक आएगी

क़ुर्बतों का सब्ज़ मौसम बेवफ़ा हो जाएगा

-रशीद कामिल

जिसकी आँखों में कटी थीं सदियां

उसने सदियों की जुदाई दी है

-गुलज़ार

बीमार-ए-मोहब्बत का ख़ुदा है जो सँभल जाए

है शाम भी मख़दूश जुदाई की सहर भी

- बेख़ुद देहलवी

अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो

तुम मुझे ख़्वाब में आकर न परेशान करो

-मुनव्वर राना

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें

जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें

-अहमद फ़राज़

इस मेहरबाँ नज़र की इनायत का शुक्रिया

तोहफ़ा दिया है ईद पे हम को जुदाई का

-अज्ञात

इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की

आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की

-अहमद फ़राज़

जाने उस की जुदाई क्या होगी

जिसका मिलना ही हादसा है मुझे

-रूही कंजाही

न बहलावा न समझौता जुदाई सी जुदाई है

'अदा' सोचो तो ख़ुशबू का सफ़र आसाँ नहीं होता

- अदा जाफ़री

महीने वस्ल के घड़ियों की सूरत उड़ते जाते हैं

मगर घड़ियां जुदाई की गुज़रती हैं महीनों में

- अल्लामा इक़बाल

मेरे और उस के दरमियां निकला

उम्र भर की जुदाई का रिश्ता

- जौन एलिया

तुमको ही सहना है ग़म जुदाई का

मेरा क्या है मैं तो मर जाऊंगी

हर आग़ाज़ पहुंचता है अंजाम को

मिलन का पीछा करती है जुदाई

-अज्ञात

उसको जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ

अब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ

-अहमद फ़राज़

उम्मीद करते हैं आपको ये शेर जरूर पसंद आए होंगे। वैसे इश्क में जुदाई के दर्द की कोई दवा तो नहीं होती, लेकिन आशा करते हैं कि ये शेर उन जख्मों पर मरहम लगाने का काम जरूर करेंगे। आप इन्हें अपने महबूब के साथ शेयर भी कर सकते हैं।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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