Amazing Indians Awards 2023: एम विग्नेश ने पुश्तैनी घर बेच बनाया अभ्यारण्य, हजारों जानवरों की बचाई जान
Times Now Amazing Indians Awards 2023: एम विग्नेश तिरुवल्लुर के एक पशु एक्टिविस्ट, पिछले कुछ वर्षों से वह आवारा मवेशियों और कुत्तों को आश्रय और भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने पशुओं के लिए एक अभयारण्य बनाया है , जहां 75 कुत्ते, 100 गाय, बैल और भैंसें, 20 बकरियों, 4 खरगोश, 2 सूअर, 1 मुर्गा और 1 टट्टू रहते हैं।
पुरस्कार लेते एम.विग्नेश
Times Now Amazing Indians Awards 2023: पशु कल्याण के क्षेत्र में 22 साल के एम विग्नेश ने वो कर दिखाया है, जो उस उम्र में करने के बार में लोग सोच नहीं सकते हैं। उन्होंने पशुओं के लिए एक अभ्यारण्य बना दिया है। और हजारों पशुओं की जान बचाई है। उनके इस उल्लेखनीय कार्य के लिए, पशु कल्याण कैटेगरी का टाइम्स नाउ अमेजिग इंडियंस अवार्ड 2023 तिरुवल्लुर के पशु एक्टिविस्ट एम विग्नेश को दिया गया है।
कौन हैं एम. विग्नेश
एम विग्नेश तिरुवल्लुर के एक पशु एक्टिविस्ट, पिछले कुछ वर्षों से वह आवारा मवेशियों और कुत्तों को आश्रय और भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने पशुओं के लिए एक अभ्यारण्य बनाया है , जहां 75 कुत्ते, 100 गाय, बैल और भैंसें, 20 बकरियों, 4 खरगोश, 2 सूअर, 1 मुर्गा और 1 टट्टू रहते हैं। 22 साल के विग्नेश पशु रक्षक, सोशल और पशु एक्टिविस्ट हैं। वह 15 साल की उम्र से घायल और बीमार जानवरों को देखभाल कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सैकड़ों कुत्ते, बिल्लियों, गायों, बैल, भैंस, बकरियों और अन्य जानवरों को नया जीवन दिया है। और अभ्यारण्य का खर्च निकालने के लिए वेबसाइट डेवलपिंग का भी काम करते हैं। उनकी सबसे बड़ी चुनौती लॉकडाउन में आई जब उनके लिए प्रति दिन 300 कुत्ते को खाना खिलाने के लिए खाना एकत्र करना मुश्किल हो रहा था।
घर बेचकर शुरू किया अभ्यारण
विग्नेश का सपना साल 2019 में तब जाकर साकार हुआ जब एक दयालु पशु प्रेमी, शिवमणि ने अभयारण्य के लिए अपनी जमीन दान कर दी। इसके बावजूद अभयारण्य को शुरू करने के लिए उन्हें धन की कमी हो रही थी। ऐसे में विग्नेश के माता-पिता ने अपना पुश्तैनी घर बेच दिया । और उन पैसों से अभ्यारण के शुरुआती हिस्सों का निर्माण हुआ। अपने इन प्रयासों के लिए कई बार विग्नेश को लोगों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
100 से ज्यादा केस दर्ज कराए
अब तक विग्ननेश हजारों जानवरों को जान बचा चुके हैं। सैकड़ों कुत्ते उनके बच्चों और बिल्लियों को गोद ले चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने सैकड़ों आवारा कुत्तों का टीकाकरण भी कराया है। पशु क्रूरता में लिप्त लोगों के खिलाफ करीब 100 मामले भी दर्ज कराए। उनका कहना है कि सभी जीवित प्राणियों के प्रति दयालु होने के बारे में सोशल मीडिया में जागरूकता पैदा करना जरूरी है, जिससे ज्यादा से ज्यादा जानवरों का संरक्षण किया जा सके।
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