यूपी से गुजरात-हिमाचल तक BJP की जीत का नया फॉर्मूला, कहीं फंस न जाए मैनपुरी में सपा का 'सम्मान'
Sawal Public Ka : हिमाचल से लेकर गुजरात तक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की डिमांड काफी बढ़ी हुई है। गुजरात में बीजेपी ने 160 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी। उधर रामपुर की सेशन कोर्ट ने आजम खान की अपील खारिज कर दी। मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उतारने का फैसला किया। मैनपुरी समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट है लेकिन डर पार्टी हाईकमान को सता रहा है।
Sawal Public Ka : सियासी गलियों से आज कई खबरें निकलकर आईं। यूपी से गुजरात तक चुनाव में नए-नए चैप्टर जुड़े। गुजरात में बीजेपी ने 160 उम्मीदवारों की फर्स्ट लिस्ट जारी कर दी। वहीं, समाजवादी पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उतारने का फैसला किया। यूपी के ही रामपुर में भी उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया। रामपुर की सेशन कोर्ट ने आजम खान को मिली तीन साल की सजा के खिलाफ की गई अपील को खारिज कर दिया।
उधर, हिमाचल से लेकर गुजरात तक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की डिमांड काफी बढ़ी हुई है। वो बीजेपी के उस चेहरे में बड़ा चेहरा होते जा रहे हैं जिसकी फेस वैल्यू जीत दिलाने की है। ऐसे माहौल में ये सवाल है कि योगी की पूरे देश में डिमांड बढ़ रही। दूसरी तरफ मैनपुरी में समाजवादी पार्टी 'सम्मान' की लड़ाई में फंसती दिख रही? क्योंकि पार्टी ने अपने तुरुप के पत्ते को मैनपुरी बचाने के लिए खेल दिया है।
सबसे पहले आपको बता दें कि मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट को लेकर हर रोज नए-नए नाम आ रहे थे लेकिन आज समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव का नाम फाइनल कर सम्मान बचाने की लड़ाई को आगे बढ़ा दिया। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक तो मैनपुरी समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट है तो उसे हार जाने का डर पार्टी हाईकमान को सता रहा है।
क्योंकि इससे पहले आजमगढ़, रामपुर में क्या हुआ..वो सबके सामने है। एक बात और पिछले लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट पर डिंपल यादव को हार का मुंह देखना पड़ा था। तो समाजवादी पार्टी की कोशिश है कि डिंपल को Parliament भी भेजा जाए और मैनपुरी सीट भी बचा ली जाए। मैनपुरी सीट पर अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप भी सांसद रह चुके हैं। डिंपल को टिकट दिए जाने को लेकर उन्होंने क्या रिएक्शन दिया है, सुनिए।
अब खेल देखिए। बीजेपी ने अपने कैंडिडेट उतारे नहीं कि डर साफ-साफ दिख रहा। कहा जा रहा है कि अपर्णा को बीजेपी लाएगी तो हार का मुंह देखेगी। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद चाचा शिवपाल, अखिलेश यादव से भारी नाराज हैं। अखिलेश यादव की तरफ से अपनी बेइज्जती की बातें खुद करते रहते हैं। लेकिन चुनाव में चाचा शिवपाल भी साथ देंगे। ये उम्मीद अखिलेश कैंप को है। लेकिन हमने शिवपाल यादव से ही पूछ लियाक्या करेंगे ?
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में बीजेपी अखिलेश को उनके गढ़ में घेर देने की पूरी प्लानिंग करके बैठी है। ऐसा दावा बीजेपी के नेता कर रहे हैं। और इस दावे के पीछे जो आधार मुझे दिख रहा है कि पॉलिटिक्स में बीजेपी का टाइम ठीक चल रहा है। क्योंकि उसके पास जनाधार बना हुआ है, हाल के उपचुनाव के रिजल्ट में भी दिखा। साथ में उनके पास वोट दिलाने वाले फेस भी हैं। मोदी, शाह, योगी। चूंकि यहां बात यूपी की है इसलिए योगी आदित्यनाथ के डिमांड की चर्चा करते हैं।
हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रचार में पीएम मोदी और शाह के बाद योगी आदित्यनाथ सबसे ज्यादा ऑन डिमांड में रहे। बीजेपी के मिशन रिपीट में योगी ने 10 जनसभाएं Scheduled थीं। इसके बावजूद प्रदेश बीजेपी ने उनकी 10 और रैलियों की डिमांड की।
योगी इतने ऑन डिमांड क्यों हैं?
- साल 2018 में योगी ने चार राज्यों में 74 रैलियां कीं। जिनमें जीत का स्ट्राइक रेट 69% तक रहा।
- 2018 के राजस्थान चुनाव में योगी का स्ट्राइक रेट 96% रहा।
- 2018 में मध्यप्रदेश के चुनाव में योगी ने 21 सीटों पर प्रचार किया। स्ट्राइक रेट 81% रहा।
- 2020 में बिहार के चुनाव में योगी का स्ट्राइख रेट 72% रहा।
हमने पहले ही कहा कि बीजेपी में मोदी-शाह के साथ योगी भी वो फेस वैल्यू लेकर खड़े हो रहे हैं जो जीत की गारंटी है। अब जरा गुजरात चलिए। गुजरात चुनाव में बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी कर दी। 182 में से 160 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स के नाम का ऐलान कर दिया।
हाइलाइट्स क्या है देखिए
- मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को घाटलोडिया सीट से टिकट दिया गया।
- क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा को जामनगर नॉर्थ से।
- और हार्दिक पटेल को वीरमगाम सीट से टिकट दिया गया ।
- इसी लिस्ट में 38 विधायकों के टिकट भी कटे हैं, जिनमें 5 मंत्री भी हैं।
गुजरात में टिकट की लिस्ट में डिप्टी सीएम का भी टिकट कटा है। पता नहीं ये कॉन्फिडेंस है या ओवर कॉन्फिडेंस। लेकिन दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में परिवार की सीट बचाने की जद्दोजहद है। बड़ी बहू लड़ेंगी..सवाल ये है कि क्या छोटी बहू चुनौती देंगी? फिर क्या होगा ?
तो आज पब्लिक का सवाल है:-
सवाल नंबर- 1
योगी आदित्यनाथ और पॉपुलर होते दिख रहे..अखिलेश के लिए क्या परिवार की सीट बचानी चुनौती है ?
सवाल नंबर- 2
क्या न्यू इंडिया में जाति-धर्म की राजनीति के दिन लदते जा रहे हैं ?
सवाल नंबर- 3
यूपी से गुजरात-हिमाचल तक..जीत का नया फॉर्मूला क्या है ?
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