केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (फाइल फोटो-PTI)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का समर्थन करते हुए कहा कि मतदाता सूची में घुसपैठियों का शामिल होना संविधान की भावना के खिलाफ है और मतदान का अधिकार केवल देश के नागरिकों को ही उपलब्ध होना चाहिए।शाह ने कहा कि केंद्र सरकार घुसपैठियों से निपटने के लिए ‘पता लगाने, हटाने और निर्वासित करने’ की नीति का पालन करेगी।
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गृह मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान एसआईआर प्रक्रिया पर राजनीतिक टिप्पणियों को नकारते हुए कहा कि इसे केवल एक राष्ट्रीय मुद्दे के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने विपक्षी दल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे पर ‘‘इनकार की मुद्रा’’ में है। शाह ने कहा, ‘‘यह प्रक्रिया उनकी सरकार के दौरान भी लागू हुई थी, लेकिन विपक्ष विरोध करने की नीति अपना रहा है क्योंकि उनके वोट बैंक कट रहे हैं।’’
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव तभी संभव हैं जब मतदाता सूची केवल भारतीय नागरिकों और मतदान के योग्य लोगों तक ही सीमित हो। उन्होंने घुसपैठियों और शरणार्थियों के बीच अंतर को भी स्पष्ट करते हुए कहा कि शरणार्थी धार्मिक उत्पीड़न के कारण आते हैं, जबकि घुसपैठिया आर्थिक या अन्य कारणों से अवैध रूप से सीमा पार करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई व्यक्ति बिना किसी रोक-टोक के यहां आ सकता है, तो हमारा देश धर्मशाला बन जाएगा।’’
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