मुख्तार अंसारी ने कैसे अवधेश राय हत्याकांड को दिया गया था अंजाम? विस्तार से जानिए, देखें ये VIDEO

Verdict on Awadhesh Rai Murder:अवधेश राय मर्डर केस में वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया। इस हत्याकांड में अदालत ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है।

Verdict on Awadhesh Rai Murder

अवधेश राय मर्डर केस में अदालत ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है

मुख्य बातें
  • हथियारबंद हमलावरों ने अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी थी
  • मुख्तार को सजा देने वाला यह फैसला 32 साल 10 महीने के बाद आया है
  • विशेष अदालत ने 19 मई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था
Awadhesh Rai Murder Update: 1991 के 3 अगस्त को वाराणसी के लहुराबीर में अवधेश राय की उनके घर के बाहर ही हत्या कर दी गई थी, वारदात के वक्त छोटे भाई अजय राय भी वहीं थे, उसी मामले में वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली थी और अब 5 जून को मामले पर फैसला सामने आ गया है और इस हत्याकांड में अदालत ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है, कोर्ट से मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा हुई है। साथ ही कोर्ट ने उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
वाराणसी के लहुराबीर इलाके में हथियारबंद हमलावरों ने अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी भी नामजद था। अवधेश के भाई अजय राय ने केस दर्ज कराया था। हमले में अवधेश राय को गोलियों से छलनी कर दिया गया था।

अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी थी

मुख्तार को सजा देने वाला यह फैसला 32 साल 10 महीने के बाद आया है। अंसारी को यह सजा करीब 32 साल पुराने हत्याकांड में हुई है। बता दें कि तीन अगस्त को 1991 को वाराणसी के लहुराबीर इलाके में हथियारबंद हमलावरों ने अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी भी नामजद था।

19 मई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित

इससे पहले विशेष अदालत ने गत 19 मई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने कहा कि इस हत्याकांड में वह पांच जून को सजा सुनाएगी। अजय राय ने एफआईआर में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह एवं पूर्व विधायक अब्दुल करीम को नाम लिया था।

हत्यारों की सजा दिलाने के लिए अजय राय ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी

तीन अगस्त 1991 को वाराणसी के लहुराबीर इलाके में कांग्रेस नेता अवधेश राय अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे। सुबह का वक्त था। तभी एक वैन में सवार होकर आए बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इस हमले में अवधेश राय बुरी तरह जख्मी हो गए और बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया, भाई के हत्यारों की सजा दिलाने के लिए अजय राय ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।
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