हर गांव MSP, हर घर MSP- फसलों की सही कीमत के लिए किसान करेंगे नया आंदोलन
नया आंदोलन दिल्ली या देश के किसी एक खास मैदान या बॉर्डर पर नहीं बल्कि देशभर के गांवों में घर-घर जाकर करने की योजना हैं। इसके लिए किसान संगठन अब देशभर के गांवों के घर -घर पहुंचकर जनजागरण का काम करेंगे। जिसके लिए ट्रैक्टर से लेकर शादी के कार्ड तक का सहारा लिया जाएगा।
ट्रैक्टर ट्रॉली से लेकर शादी के कार्ड में MSP की मांग का प्रचार प्रसार (फोटो- कुंदन सिंह)
तीन कृषी कानूनों की वापसी के आंदोलन के बाद अब फसलों की खरीदारी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून बनाने को लेकर किसान संगठन एक बार फिर से आंदोलन की तैयारी में हैं। यह आंदोलन पूरे देश में किसान संगठन चलाएंगे। इसके लिए कई चीजों का सहारा लिया जाएगा। जैसे- गांवों के बाहर वोट चाहिए तो एमएसपी गारंटी देनी होगी, के होर्डिंग्स लगाए जाएंगे। किसान परिवार प्रभात फेरी निकालेंगे, शादी के निमंत्रण पत्रों पर एमएसपी का जिक्र होगा। दीवारों और ट्रैक्टर की ट्राॅलियों में 'हर गांव एमएसपी, हर घर एमएसपी' और 'फसल हमारी भाव तुम्हारा नहीं चलेगा' जैसे स्लोगन लिखे जाएंगे।
किसान फसल गारंटी मोर्चा
इस नए आंदोलन के लिए देशभर के अलग-अलग किसान संगठनों ने किसान फसल गारंटी मोर्चा बनाया है। जिसमें देशभर के करीब 223 संगठन के प्रतिनिधि शामिल हैं। मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान नेता वीएम सिंह ने टाइम्स नाउ को बताया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन में भी ये मुद्दा था, पर इसको लेकर सरकार की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया। साथ ही सरकार के द्वारा गठित कमेटी में भी MSP को लेकर साफ नहीं कहा गया है। ऐसे में जब किसान बीज से लेकर खाद तक, बिजली से लेकर सिंचाई के लिए उपयोग में आने वाली डीजल तक कि खरीद सरकारी नियंत्रण में करता है, तो भला उसके फसल की खरीदी में सरकारी नियंत्रण क्यों नहीं है? उन्होंने कहा- "मोदी जी बात करते है 5 ट्रिलियन इकॉनमी की। यदि हमें हर फसल का एमएसपी मिल जाता है तो इससे ग्रामीण इलाकों में किसानों की कमाई बढ़ती जो कि देश की इकॉनमी के लिए बेहद जरूरी है।
अपनाए जाएंगे अनोखे तरीके
उन्होंने बताया कि इस जनजागरण अभियान के लिए किसानों ने कुछ अनोखे तरीके अपनाए हैं। जिसमें अपने ट्रैक्टर ट्रॉली से लेकर शादियों के कार्ड में इस कानून को लाने की बात कही गई है। गांव-गांव में एक बोर्ड लगेगा कि वोट चाहिए तो एमएसपी गारंटी देनी होगी।
लिखा जाएगा पत्र
आगे उन्होंने कहा कि नवगठित एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के तहत दिल्ली के पंजाब खोड़ गांव में तीन दिन तक चले राष्ट्रीय अधिवेशन में 27 राज्यों से 223 संगठनों के हजारों प्रतिनिधि शामिल हुए। अधिवेशन में तय हुआ है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक गांव-गांव में ऐसा माहौल और दबाव बनाया जाएगा, ताकि सरकार संसद में इस पर कानून बनाए। इस कानून को लेकर एक जनवरी से जिलाधिकरी को पत्र लिखा जाएगा। इसकी दूसरी कॉपी को अपने पास रखकर 23 मार्च को शहीद दिवस के दिन प्रधानमंत्री कार्यलय को ये पत्र सौंपे जाएंगे।
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16 साल का अनुभव, राजनीति, पॉलिसी, पार्लियामेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर मामले में लिखता हूँ। एन्वॉयरमेंट से लेकर खेती किसानी पसंदीदा विषयऔर देखें
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