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'मैं मक्कारी जानता ही नहीं, झूठ नहीं बोलता', अखिलेश से मुलाकात के बाद आजम खान का पहला इंटरव्यू

टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ खास बातचीत में आजम खान ने अखिलेश यादव के साथ संबंधों से लेकर खुद पर लगे आरोपों पर खुलकर बात की। साथ ही आजम ने कहा कि उन्हें जमीन मामले पर अधिकारियों के जरिए फंसाया गया। इस खास बातचीत में आजम खान ने क्या-क्या कहा, पढ़ें।

Azam khan

आजम खान से खास बातचीत

Azam Khan: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आज आजम खान से मिलने रामपुर पहुंचे। आवास पर हुई मुलाकात के बाद आजम खान से टाइम्स नाउ नवभारत ने खास बातचीत की। संवाददाता राकेश पांडे से बातचीत के दौरान उन्होंने अखिलेश से संबंधों से लेकर खुद पर लगे आरोपों पर खुलकर बात की। साथ ही आजम ने कहा कि उन्हें जमीन मामले पर अधिकारियों के जरिए फंसाया गया। इस खास बातचीत में आजम खान ने क्या-क्या कहा, पढ़ें।

सबसे पहले सेहत ठीक करूंगा

सियासत में सक्रिय होने के सवाल पर आजम ने कहा कि अभी मैं अपनी सेहत ठीक करूंगा। यह पूछे जाने पर कि क्या सेहत ठीक करने के दौरान कोई सियासी घटनाक्रम भी रहेगा, आजम ने कहा- मैं मक्कारी जानता ही नहीं, झूठ नहीं बोलता, किसी को धोखा नहीं देता, फरेब नहीं करता।

सवाल- आपने एक बार कहा था कि मैं चुप नहीं रहूंगा, अपने लोगों के लिए आवाज बुलंद करूंगा, ये अपने लोग कौन हैं, सपा के लोग या कोई और?

आजम- अपना समाज, अपने बहन-भाई, बच्चे-बुजुर्ग, देश के लोग।

सवाल - आपने एक बार कहा था कि मुझे मुसलमान होने की सजा मिली?

आजम- मैंने ऐसा कभी नहीं कहा, अगर आपने पूछा तो मैंने कहा, हां मैं कपड़ों से पहचाना जाता हूं।

सवाल- तो क्या आजम खान को ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल किया गया?

आजम- मैंने ऐसा भी नहीं कहा, ये तो सब आप कहते हैं। अगर आपने हमारा मीडिया ट्रायल नहीं किया होता, तो हमारा ये अंजाम ही नहीं होता। सच कह रहा हूं। आप भी जानते हैं, यही सच है।

सवाल- आपने कहा कि मुझे किताब चोरी करने की सजा मिली, किताब लेकर मैंने क्या किया, मैंने यूनिवर्सिटी बनाई। क्यों आपको ऐसा लगता है?

आजम- पौने चार बीघा जमीन है, जिसके लिए मैं भूमाफिया और भूमाफिया पोर्टल पर दर्ज किया गया। इस पौने चार बीघा जमीन के 27 दावेदार हैं। 10 गजा, 15 गज. 20 गज के मालिक हैं। उस वक्त तक मुकदमा कायम नहीं हुआ था, मैंने उनसे बुलाकर पूछा, तुम अपनी जमीन पहचान लो और ले लो। वे बोले, हमें तो पता नहीं कि कहां जमीन है। मैंने कहा कि तुम मालिक हो और तुम्हें नहीं पता, मुझे कैसे पता होगा। तो एक काम करते हैं, जो उसका मुआवजा है, जो दूसरों को दिया है, उससे बढ़ाकर ले लो। उन्होंने कहा, वो भी हम नहीं कर सकते। वजह पूछी तो बताया कि अधिकारी हमें मार डालेंगे अगर हमने आपके नाम कर दी, यूनिवर्सिटी के नाम कर दी।

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राकेश पांडे
राकेश पांडे Author
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