आयुर्वेद के अनुसार शरीर के त्रिदोष को बैलेंस करने में कारगर है ये खास पौधा, सेहत को दुरुस्त रखने में भी रामबाण

Guggul Benefits According To Ayurveda In Hindi: आयुर्वेद में एक ऐसा पौधा है, जो न केवल बीमारियों के इलाज में सहायक होते हैं, बल्कि शरीर के त्रिदोष - वात, पित्त और कफ को भी संतुलित रखने में भी मदद करते हैं। इसका उपयोग हजारों वर्षों से किया जा रहा है और चरक व सुश्रुत संहिताओं में इसका विस्तार से वर्णन मिलता है। गुग्गुल का सही सेवन शरीर को भीतर से स्वस्थ बनाता है और कई रोगों में कारगर साबित होता है। चलिए जानते हैं कौन सा है यह चमत्कारी पौधा....

Guggul Benefits According To Ayurveda In Hindi

Guggul Benefits According To Ayurveda In Hindi

Guggul Benefits According To Ayurveda In Hindi: हमारे देश में आयुर्वेद एक ऐसी परंपरा है, जो न केवल बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है, बल्कि शरीर को स्वस्थ बनाए रखने का तरीका भी सिखाती है। ऐसे ही एक खास पौधे का नाम है गुग्गुल। आपने शायद इसका नाम सुना हो, लेकिन इसके फायदों के बारे में बहुत लोग नहीं जानते। गुग्गुल एक पेड़ से निकलने वाला गोंद जैसा पदार्थ होता है, जिसका इस्तेमाल हजारों सालों से आयुर्वेद में हो रहा है। यह शरीर के तीनों दोष - वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में मदद करता है और कई तरह की बीमारियों में राहत देता है।

त्रिदोष को संतुलन में रखने वाला गुणकारी पौधा

गुग्गुल दरअसल एक खास पौधे कोमीफोरा मुकुल से निकलता है, जिसकी तासीर गर्म और स्वाद थोड़ा कड़वा होता है। आयुर्वेद के अनुसार यह शरीर के वात, पित्त और कफ- इन तीनों दोषों को बैलेंस करता है। खास बात ये है कि यह वात दोष को शांत करने में बेहद असरदार माना गया है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन जैसी समस्याओं में राहत देता है।

प्राचीन ग्रंथों में भी है गुग्गुल का जिक्र

गुग्गुल का जिक्र हमारे आयुर्वेद के पुराने ग्रंथों जैसे चरक संहिता और सुश्रुत संहिता दोनों में मिलता है। चरक संहिता में इसे मोटापा कम करने में कारगर बताया गया है, तो वहीं सुश्रुत संहिता में इसका जिक्र सर्जरी और 1120 बीमारियों के इलाज के संदर्भ में किया गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये औषधि कितनी महत्वपूर्ण है।

कई रोगों के इलाज में सहायक

गुग्गुल में कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और क्रोमियम। इसके सेवन से गठिया, मूत्रविकार, खट्टी डकार, गैस, कब्ज, एनीमिया, बवासीर और यहां तक कि कान की दुर्गंध तक में राहत मिलती है। इसे पेट और लिवर से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद माना गया है।

थायरॉइड और पीसीओडी जैसी समस्याओं में लाभ

कांचनार गुग्गुल, जो गुग्गुल से बना एक खास योग है, उसे थायरॉइड और पीसीओडी जैसी हार्मोन से जुड़ी परेशानियों में काफी फायदेमंद माना गया है। इससे शरीर की सूजन कम होती है और हार्मोनल बैलेंस भी सुधरता है, जिससे लंबे समय तक राहत मिल सकती है।

रोजमर्रा की सेहत के लिए रामबाण

गुग्गुल सिर्फ बीमारी के समय ही नहीं, बल्कि सामान्य सेहत को बनाए रखने में भी बेहद कारगर है। यह पाचन सुधारने, खांसी, आंखों की जलन, अल्सर, पथरी और मुंहासों जैसी आम समस्याओं में भी आराम देता है। यही वजह है कि आयुर्वेद में इसे रामबाण इलाज कहा गया है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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