कैंसर से मौत और दोबारा होने का खतरा कम करती है नियमित एक्सरसाइज, नई रिसर्च में पाया दवा से भी ज्यादा असरदार
Exercise Benefits In Preventing Cancer: हाल ही में हुई एक नई रिसर्च में यह सामने आया है कि कैंसर के मरीजों में मौत के खतरे को कम करने और दोबारा होने से रोकने में दवाओं की तुलना में एक्सरसाइज करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। अगर व्यक्ति कैंसर से जूझ रहा है, तो सिर्फ दवाओं पर निर्भर न रहें। डॉक्टर की सलाह से नियमित एक्सरसाइज को भी दिनचर्या में शामिल करें। चलिए जानते हैं रिसर्च में क्या कुछ सामने आया....

Exercise Benefits In Preventing Cancer
Exercise Benefits In Preventing Cancer: जब किसी को कैंसर होता है, तो इलाज के नाम पर सबसे पहले कीमोथेरेपी, दवाइयां और ऑपरेशन जैसे ट्रीटमेंट दिमाग में आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रोज़ की जाने वाली हल्की-फुल्की एक्सरसाइज भी कैंसर से लड़ने में बहुत बड़ी मदद बन सकती है? एक नई रिसर्च में सामने आया है कि नियमित व्यायाम करने से न केवल कैंसर से मौत का खतरा 37% तक कम हो सकता है, बल्कि कैंसर दोबारा होने की आशंका भी 28% तक घट जाती है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय स्टडी थी जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा और इजरायल के मरीजों पर की गई। अंतरराष्ट्रीय स्टडी में हैरानी की बात ये है कि एक्सरसाइज का असर कुछ मामलों में दवाओं से भी ज्यादा फायदेमंद पाया गया है।
एक्सरसाइज से कैंसर से मौत का खतरा होता है कम
नई रिसर्च बताती है कि जो लोग कैंसर के इलाज के साथ-साथ रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं, उनकी जान बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। एक्सरसाइज करने से शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ती है और शरीर एक्टिव बना रहता है, जिससे ट्रीटमेंट का असर भी बेहतर होता है। डॉक्टर अब सलाह दे रहे हैं कि कैंसर पेशेंट को दवाओं के साथ एक्सरसाइज को भी अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना चाहिए।
दोबारा कैंसर होने की आशंका भी घटती है
कई बार ट्रीटमेंट के बाद भी कैंसर वापस आ जाता है, लेकिन अगर आप रोज़ाना कुछ समय एक्सरसाइज के लिए निकालें, तो इसकी संभावना भी कम हो सकती है। रिसर्च के मुताबिक, रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी से कैंसर के दोबारा लौटने का खतरा 28% तक घट जाता है। इसका मतलब ये है कि एक्सरसाइज न सिर्फ बीमारी को कंट्रोल में रखती है, बल्कि उसे दोबारा आने से भी रोकती है।
दवा से भी ज्यादा असरदार हो सकती है एक्सरसाइज
रिसर्च में सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि कुछ मामलों में एक्सरसाइज दवा से भी ज्यादा असर दिखा रही थी। इसका कारण है कि जब आप फिजिकल एक्टिव रहते हैं, तो आपका इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है और शरीर कैंसर सेल्स से लड़ने में और ताकतवर बनता है। यही वजह है कि अब एक्सपर्ट भी इसे एक जरूरी थेरेपी मानने लगे हैं।
बहुत भारी एक्सरसाइज की जरूरत नहीं
लोग सोचते हैं कि एक्सरसाइज का मतलब है घंटों जिम में पसीना बहाना। लेकिन सच्चाई ये है कि रोजाना 25-30 मिनट की वॉक, योग या हल्का स्ट्रेचिंग करना भी काफी फायदेमंद हो सकता है। बस जरूरत है रेगुलर बने रहने की। छोटी-छोटी कोशिशें ही बड़ी बीमारी को मात दे सकती हैं।
इलाज के साथ एक्सरसाइज को भी बनाएं रूटीन का हिस्सा
अगर आप या आपके परिवार में कोई कैंसर से जूझ रहा है, तो केवल दवाओं और हॉस्पिटल पर निर्भर न रहें। एक्सरसाइज को भी ट्रीटमेंट का हिस्सा मानें। इससे शरीर में एनर्जी बनी रहती है, थकान कम होती है और मानसिक रूप से भी आप मजबूत महसूस करते हैं। कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक्सरसाइज एक छुपा हुआ लेकिन बेहद असरदार हथियार बन सकती है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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