कौन हैं कशिश चौधरी, बलोचिस्तान की पहली हिंदू असिस्टेंट कमिश्नर बनकर रचा इतिहास

कशिश चौधरी के मुताबिक, लगातार तीन साल की पढ़ाई, कम से कम आठ घंटे रोजाना तैयारी के बाद उन्हें यह सफलता मिली है। अनुशासन, कड़ी मेहनत और समाज में योगदान देने की इच्छा ने इस यात्रा को आगे बढ़ाया है।

Kashish chadhary X1280 new

कशिश चौधरी ने रचा इतिहास

Who is Kashish Chaudhary- महज 25 साल की उम्र में कशिश चौधरी बलूचिस्तान में पाकिस्तान में हिंदू समुदाय का नाम रौशन कर दिया है। कशिश चौधरी हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की पहली महिला बन गईं, जिन्हें इस अशांत प्रांत में सहायक आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है। चगाई जिले के नोशकी कस्बे की मूल निवासी कशिश ने यह उपलब्धि हासिल करके इतिहास रच दिया। उन्होंने बलूचिस्तान लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा पास की, जो एक निजी उपलब्धि और देश के अल्पसंख्यक समुदायों के लिए उम्मीद का प्रतीक दोनों है।

अनुशासन, कड़ी मेहनत से मिली सफलता

कशिश चौधरी ने कहा कि लगातार तीन साल की पढ़ाई, कम से कम आठ घंटे रोजाना तैयारी के बाद उन्हें यह सफलता मिली है। अनुशासन, कड़ी मेहनत और समाज में योगदान देने की इच्छा ने मुझे इस यात्रा में आगे बढ़ाया है। कशिश चौधरी के पिता गिरधारी लाल ने मीडिया के सामने अपनी बेटी पर गर्व जताया। मध्यम स्तर के व्यापारी गिरधारी लाल ने कहा, यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि मेरी बेटी अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण सहायक आयुक्त बन गई है। उन्होंने आगे कहा कि कशिश हमेशा से ही पढ़ाई करने और महिलाओं के लिए कुछ करने का सपना देखती थीं।

बलूचिस्तान के लिए गर्व का प्रतीक

कशिश और उनके पिता ने सोमवार को क्वेटा में बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती से मुलाकात की। उन्होंने सीएम से कहा कि वह महिलाओं और अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण की दिशा में काम करेंगी, साथ ही प्रांत के समग्र विकास पर भी ध्यान देंगी। सीएम बुगती ने यह भी कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अपनी कड़ी मेहनत और कोशिशों के कारण प्रमुख पदों पर पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि कशिश देश और बलूचिस्तान के लिए गर्व का प्रतीक हैं।

हिंदू महिलाओं की कामयाबी की दास्तां

कशिश चौधरी ने पाकिस्तान में अपनी अगल पहचान बनाने में कामयाबी हासिल की है और उन्हें हिंदू समुदाय की ऐसी महिलाओं में गिना जा रहा है, जिन्होंने पुरुष-प्रधान पाकिस्तान में बडी सफलता हासिल की है। इन महिलाओं ने ऐसे अहम पदों पर पहुंचने के लिए कई सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक बाधाओं का सामना किया है। मनेश रोपेटा, 2022 में कराची में पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त होने वाली पहली हिंदू महिला बनी थीं, जहां वह अभी भी तैनात हैं।

पुष्पा कुमारी कोहली कराची में हैं सब-इंस्पेक्टर

इसी तरह 35 वर्षीय पुष्पा कुमारी कराची में सब-इंस्पेक्टर के रूप में सेवा कर रही हैं और उन्होंने विश्वास जताया कि हिंदू महिलाओं में शीर्ष पर पहुंचने के लिए मजबूती और बुद्धिमत्ता है। पुष्पा ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, मैंने सिंध पुलिस लोक सेवा परीक्षा भी पास की है। वहां कई और हिंदू लड़कियां हैं जो शिक्षा हासिल करने और कुछ बनने का इंतजार कर रही हैं। सिंध प्रांत के शाहदादकोट की मूल निवासी सुमन पवन बोदानी को पहली बार 2019 में उनके गृहनगर में सिविल जज के रूप में नियुक्त किया गया था।

इस बीच, सिंध के एक राजनेता रमेश कुमार वंकवानी ने कहा कि उनका मानना है कि युवा हिंदू लड़कियों ने अपने परिवारों की मदद से शिक्षा हासिल करने और उच्च शिक्षा प्राप्त करने की दिशा में अधिक झुकाव और पहल दिखाई है। उन्होंने कहा कि हमारी युवतियां हमें गौरवान्वित कर रही हैं। सिंध में हमारे पास डॉक्टर, सिविल सेवक, पुलिस अधिकारी सब हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। एक्सप्लेनर्स (Explainer News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited