हरियाणा में नहीं होगा आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन!
Congress Plan for Haryana: कांग्रेस और आम आदमी के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर अब पूर्णविराम लगता नजर आ रहा है। हरियाणा में दोनों पार्टियों ने अपने-अपने दम पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। तभी तो कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी खुद में मजबूत है तथा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
जजपा, बसपा और इनेलो से कांग्रेस को कितना नुकसान?
कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि इस चुनाव में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन और जननायक जनता पार्टी (जजपा) से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा तथा मुख्य विपक्षी दल पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगा। सैलजा का यह भी कहना था कि कांग्रेस जिन राज्यों में विपक्ष में होती है वहां आमतौर पर मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं करती है।
90 विधानसभा सीट के लिए एक अक्टूबर को मतदान
हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीट के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। मतगणना चार अक्टूबर को होगी। इस चुनाव में ‘आप’ के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा ने कहा, 'हम (इंडिया गठबंधन में) साझेदार हैं, लेकिन यह तय किया गया था कि राज्य के स्तर पर (गठबंधन) फैसला होगा। पहले आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं करेंगे।' उनका कहना था, 'मेरा मानना है कि कांग्रेस खुद में मजबूत है और वह अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।'
महाराष्ट्र और झारखंड में बरकरार रहेगा INDIA गठबंधन
पिछले 13 अगस्त को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि राज्य के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के बारे में कोई चर्चा नहीं है तथा कांग्रेस खुद में सक्षम है। इससे पहले, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी गत चार जुलाई को कहा था कि दिल्ली और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की बहुत गुंजाइश नहीं है। हालांकि, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन बरकरार रहेगा।
'10 वर्षों में जमीन पर भाजपा का काम नहीं दिखा'
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक हैं। लोकसभा चुनाव में दोनों दलों ने दिल्ली एवं हरियाणा में मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन पंजाब में दोनों अलग-अलग मैदान में उतरे थे। सैलजा ने इस बार खंडित जनादेश की संभावना को भी खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलेगा। उन्होंने कहा, 'भाजपा का पूरे हरियाणा में बहुत ज्यादा आधार नहीं रहा...प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद उन्होंने सरकार बनाई। उन्होंने किसी तरह से सरकार बनाई। उन्हें विधानसभा चुनाव में एक बार 46 सीटें मिलीं और दूसरी बार 40 सीट हासिल हुईं। वो किसी तरह से सरकार बनाने में सफल रहे। पिछले 10 वर्षों में जमीन पर भाजपा का काम नहीं दिखा। उनके राजनीतिक नेतृत्व और जनता के बीच जुड़ाव नहीं था।' सैलजा ने कहा, 'हम इस बार पूर्ण बहुमत हासिल करेंगे।'
'जजपा अपनी जमीन खो चुकी है और वह टूट चुकी है'
इनेलो-बसपा गठबंधन तथा जजपा के असर के बारे में पूछे जाने पर सैलजा ने कहा, 'जजपा अपनी जमीन खो चुकी है। वह टूट चुकी है। पिछली बार उनके जो विधायक जीते थे वो कांग्रेस के लोग ही थे। उनके लिए मौका नहीं देखती हूं। लोकसभा चुनाव में इनेलो का प्रदर्शन भी नगण्य था। बसपा भी अपना आधार बहुत खो चुकी है। जब परिणाम आएगा तो पता चलेगा कि इस गठबंधन का कोई असर नहीं था।'
इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी तो कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'हमारी पार्टी का एक तरीका है। ज्यादातर मामलों में हमारी पार्टी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करती है। जब पार्टी विपक्ष में होती है तो आमतौर पर मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होता है।'