वाराणसी में पहली बार विराजमान होंगे काल भैरव, तैयार हो रही 100 फीट की प्रतिमा, ये है खासियत

Varanasi News: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भक्तों को पहली बार 100 फीट के काल भैरव की प्रतिमा के दर्शन होंगे। प्रतिमा दक्षिण भारत के चेन्नई में तैयार की जा रही है। आगामी 7 नवंबर को प्रतिमा को काशी में स्थापित किया जाएगा। बता दें कि, प्रतिमा को 20-20 फीट के 5 भागों में सड़क मार्ग से वाराणासी लाया जाएगा।

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वाराणसी में 7 नवंबर को होंगे 100 फीट के काल भैरव स्थापित (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • काशी में भक्तों को पहली बार 100 फीट के काल भैरव की प्रतिमा के दर्शन होंगे
  • महोत्सव में शामिल होने 20 देशों व 25 राज्यों से श्रद्धालु आएंगे
  • पहली बार भैरवाष्टमी पर वाराणासी के लोग भैरव दीपावली मनाएंगे

Kashi Vishwanath: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भक्तों को पहली बार 100 फीट के काल भैरव की प्रतिमा के दर्शन होंगे। प्रतिमा दक्षिण भारत के चेन्नई में तैयार की जा रही है। आगामी 7 नवंबर को प्रतिमा को काशी में स्थापित किया जाएगा। बता दें कि, प्रतिमा को 20-20 फीट के 5 भागों में सड़क मार्ग से वाराणसी लाया जाएगा। इसके बाद सभी भागों को जोड़कर खड़ा किया जाएगा। इसके बाद वाराणसी के लोगों को 8 दिवसीय भैरवाष्टमी महोत्सव के दौरान शहर के नरिया स्थित पूजा स्थल पर प्रतिमा के दर्शन होंगे। बता दें कि, महोत्सव 9 से 16 नवंबर तक चलेगा।

आयोजन को लेकर दक्षिण भारत की कृष्णा गिरी पीठ के पीठाधीश्वर डॉ. बसंत विजय महाराज के मुताबिक, वाराणसी के कोतवाल की नगरी में भैरवाष्टमी के दिन शहर के लोग एक लाख आठ हजार कामना पूरक भैरव मूर्तियों का पूजन करेंगे। जिनका निर्माण 9 नवंबर से पावन मां गंगा की मिट्टी से आरंभ होगा। जिसमें प्रत्येक दिन 13 हजार 500 भैरव की प्रतिमाएं निर्मित होंगी। इसके बाद 16 नवंबर को महोत्सव के अंतिम दिन 1 लाख 8 हजार भैरव का एक लाख आठ हजार दीपक, नेवैद्य व फूलों से पूजन किया जाएगा। महोत्सव की खास बात ये है कि, पहली बार भैरवाष्टमी पर वाराणसी के लोग भैरव दीपावली मनाएंगे।

कई देशों के श्रद्धालु होंगे महोत्सव में शामिलडॉ. बसंत विजय महाराज के मुताबिक, पूजा स्थल पर यज्ञ रक्षा के लिए 8 दिशाओं में 9-9 फीट के भैरव स्थापित किए जाएंगे। मंच पर 11 फीट के भैरव व भैरवी को गोद में लेकर और बटुक भैरव की प्रतिमा विराजित होगी। इसके बाद महोत्सव के अंतिम दिन 16 नवंबर को पूजन के बाद प्रतिमा को वाराणसी में ही विसर्जित कर दिया जाएगा। वहीं 1 लाख 8 हजार भैरव कृष्णगिरी मठ में स्थापित किए जाएंगे। महोत्सव के तहत होने वाले अनुष्ठान में 9 कुंड में चिदंबरम नटराज मंदिर के 30 पुजारी हवन करेंगे। महोत्सव में शामिल होने 20 देशों व 25 राज्यों से 2 हजार से अधिक श्रद्धालु आएंगे।

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