उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी की ऐतिहासिक धरती से प्रदेश के खिलाड़ियों को आत्मनिर्भरता और सफलता का मंत्र दिया। विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित 36वें क्षेत्रीय खेलकूद समारोह में पहुंचे सीएम योगी ने खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए कहा कि “स्वस्थ शरीर ही धर्म और राष्ट्र निर्माण का आधार है”। इस अवसर पर उन्होंने भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में मिनी स्टेडियम निर्माण की घोषणा की और कहा कि खेल अब केवल शौक नहीं, बल्कि जीवन को संवारने का सशक्त माध्यम बन चुका है।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य और पराक्रम की धरती पर विद्या भारती के 36वें क्षेत्रीय खेलकूद समारोह में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। विद्या भारती देश में भारतीय परंपरा, संस्कृति और राष्ट्रीयता के प्रति श्रद्धा जगाने वाली अग्रणी संस्था है। 1952 में गोरखपुर में नानाजी देशमुख द्वारा स्थापित इस संस्था ने आज देशभर में 25,000 से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से भारतीय मूल्यों को बढ़ावा दिया है। उन्होंने विद्या भारती के प्रथम छात्र देवेंद्र सिंह को सम्मानित करते हुए कहा कि यह संस्था बिना सरकारी सहयोग के राष्ट्रीय आदर्शों को जीवंत रखने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि झांसी की यह धरती राष्ट्रीयता और शौर्य की प्रेरणा देती है। विद्या भारती के प्रयास देश को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
समारोह में सांस्कृतिक रंग भी देखने को मिला। बुंदेली राई नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। खेलों में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले शीलू यादव, आदेश सिंह, शहंशाह, बसंत कुमार गोला और संध्या राजपूत को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में अनुशासन ट्रॉफी गोरक्ष प्रांत ग्रामीण की टीम को प्रदान की गई, जबकि ओवर ऑल चैंपियनशिप ट्रॉफी काशी प्रांत नगरीय की टीम ने अपने नाम की।
सीएम योगी ने विद्या भारती की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि आज यह संस्था भारत की परंपरा और संस्कृति को मजबूत करने वाली अग्रणी शक्ति बन चुकी है। 1952 में गोरखपुर की धरती पर राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख द्वारा बोए गए बीज से आज देशभर में 25,000 से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में सेक्युलर दिखाने की होड़ ने भारतीय मूल्यों को हाशिए पर धकेला, लेकिन विद्या भारती ने बिना सरकारी सहयोग के गांव से शहर और वनवासी क्षेत्रों तक शिक्षा का राष्ट्रीय मॉडल खड़ा किया।
सीएम योगी ने कहा कि आज इस वीरभूमि में पहुंचकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। रानी लक्ष्मीबाई ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में ‘मेरी झांसी गुलाम नहीं होगी’ का संदेश दिया और 23 वर्ष की आयु में बलिदान दे दिया। मेजर ध्यानचंद ने हॉकी में भारत को दो बार ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाया। आज उनके नाम पर भारत सरकार ने खेल रत्न पुरस्कार और प्रदेश सरकार ने मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित की है।
मुख्यमंत्री ने गर्व से बताया कि विद्या भारती के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है।
उन्होंने कहा कि विद्या भारती से जुड़े खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स, ओलंपिक और पैरालंपिक तक में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। ओलंपियन पद्मश्री सुधा सिंह, ओलंपियन निषाद कुमार, शैली सिंह, आदेश सिंह जैसे खिलाड़ी इसी संस्थान से निकले हैं।
सीएम योगी ने खेल को सर्वांगीण विकास का माध्यम बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वस्थ और सशक्त नागरिक जरूरी है। ‘शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्’ का मंत्र हमारे ऋषियों ने दिया। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य था, लेकिन पिछले 8.5 वर्षों में यह देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और जल्द ही नंबर एक बनेगा। सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के नागरिकों को पहचान का संकट नहीं है। अब जब कोई कहता है कि वह यूपी से है, तो सामने वाले के चेहरे पर गर्व और सम्मान की चमक दिखती है। यह नया उत्तर प्रदेश है, जो अपनी विरासत का भी सम्मान करता है और विकास की राह पर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। हर गांव में खेल मैदान, विकासखंड में मिनी स्टेडियम, जनपद में स्टेडियम और नगरों में ओपन जिम बनाए जा रहे हैं। खेलो इंडिया, फिट इंडिया और सांसद खेलकूद प्रतियोगिताएं युवाओं को प्रोत्साहित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 500 खिलाड़ियों को सीधे सरकारी नौकरियों से जोड़ा गया है। आगामी भर्तियों में डिप्टी एसपी, तहसीलदार, कानूनगो और खेल अधिकारी जैसे पदों पर सीधी नियुक्तियां की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने अब तक 500 खिलाड़ियों को सीधे सरकारी नौकरी दी है। उन्होंने खेल पदक विजेताओं के लिए इनामी राशि का भी उल्लेख किया।
| ओलंपिक (एकल खेल) | ओलंपिक (टीम खेल) | एशियाई खेल | कॉमनवेल्थ खेल |
| स्वर्ण पदक: ₹6 करोड़ | स्वर्ण पदक: ₹3 करोड़ | स्वर्ण: ₹3 करोड़ | स्वर्ण: ₹1.5 करोड़ |
| रजत पदक: ₹4 करोड़ | रजत पदक: ₹2 करोड़ | रजत: ₹1.5 करोड़ | रजत: ₹75 लाख |
| कांस्य पदक: ₹2 करोड़ | कांस्य पदक: ₹1 करोड़ | कांस्य: ₹75 लाख | कांस्य: ₹50 लाख |
| वर्ल्ड कप चैंपियनशिप | नेशनल गेम्स (टीम) | सेफ गेम्स और नेशनल गेम्स (एकल) | |
| स्वर्ण: ₹1.5 करोड़ | स्वर्ण: ₹2 लाख | स्वर्ण: ₹6 लाख | |
| रजत: ₹75 लाख | रजत: ₹1 लाख | रजत: ₹4 लाख | |
| कांस्य: ₹50 लाख | कांस्य: ₹50 हजार | कांस्य: ₹2 लाख |
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब खेल को समय और धन का अपव्यय नहीं समझा जाना चाहिए। आज खेल आत्मनिर्भरता और प्रेरणा का माध्यम बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी चाहे पदक जीते या न जीते, उसका जज्बा ही उसे आगे सफलता की ओर ले जाता है।
उन्होंने भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण की सराहना करते हुए कहा कि यहां मिनी स्टेडियम बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में खेल आयोजनों को और बेहतर ढंग से आयोजित किया जा सके। सीएम योगी ने विद्या भारती के 49 जनपदों से आए 450 प्रतिभागियों के जज्बे की प्रशंसा की और कहा कि हार-जीत से परे एक खिलाड़ी का हौसला उसे विजयश्री दिलाता है।
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