Go First संकट के बीच Spicejet पर भी मुसीबत, 198 करोड़ का है मामला

क्रेडिट सुइस ने कोर्ट को बताया कि स्पाइसजेट ने कुछ भुगतान कर दिया है, लेकिन अब भी लगभग 4.4 मिलियन डॉलर (36.24 करोड़ रु) की बकाया राशि का भुगतान किया जाना बाकी है।

Updated May 18, 2023 | 09:56 AM IST

Spicejet-Credit Suisse Dispute

स्पाइसजेट-क्रेडिट सुइस विवाद में नया मोड़

मुख्य बातें
  • स्पाइसजेट को सुप्रीम कोर्ट का आदेश
  • 18 जुलाई तक करना है सेटलमेंट अमाउंट का भुगतान
  • 36.24 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी
Spicejet-Credit Suisse Dispute : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पाइसजेट (Spicejet) को 24 मिलियन डॉलर (197.72 करोड़ रु) के विवाद में क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) को सेटलमेंट अमाउंट का भुगतान करने के लिए 18 जुलाई तक का समय दिया है। वहीं जस्टिस एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की बेंच ने क्रेडिट सुइस की तरफ से की गई अवमानना याचिका पर सुनवाई टाल दी, क्योंकि स्पाइसजेट ने सेटलमेंट अमाउंट चुकाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
कितनी बची है रकम
क्रेडिट सुइस ने कोर्ट को बताया कि स्पाइसजेट ने कुछ भुगतान कर दिया है, लेकिन अब भी लगभग 4.4 मिलियन डॉलर (36.24 करोड़ रु) की बकाया राशि का भुगतान किया जाना बाकी है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार स्विस फर्म ने 2013 में विमान के इंजन और पुर्जों की सर्विसिंग के भुगतान के लिए 24 मिलियन डॉलर का भुगतान करने में विफल रहने के लिए एयरलाइन के खिलाफ वाइंडिंग-अप केस दायर किया था।
क्या था स्पाइसजेट पर आरोप
स्पाइसजेट ने पिछले महीने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना याचिका पर कोई नोटिस जारी नहीं किया है। तब सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 17 मई तक के लिए टाल दिया था। स्विस निवेश बैंक क्रेडिट सुइस ने 21 अप्रैल को भारत की टॉप अदालत में स्पाइसजेट के खिलाफ अदालत की अवमानना मामला दायर किया था, जिसमें अदालत द्वारा तय किए गए समझौते के अनुसार 4.9 मिलियन डॉलर की बकाया राशि का भुगतान न करने का आरोप लगाया गया था।
2011 से शुरू हुआ था मामला
स्पाइसजेट और क्रेडिट सुइस के बीच का विवाद 2011 का है, जो अनपेड इंजन मैंटेनेंस और रिपेयर एग्रीमेंट से जुड़ा है। उस समय स्पाइसजेट के प्रमोटर कलानिधि मारन थे जो कि एयरलाइन के इनचार्ज भी थे। 2013 में, क्रेडिट सुइस ने मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की और आरोप लगाया था कि स्पाइसजेट ने विमान के इंजन और कंपोनेंट के मैंटेनें,, मरम्मत और ओवरहॉलिंग के लिए 24 मिलियन डॉलर से अधिक के बिलों का भुगतान नहीं किया।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

आर्टिकल की समाप्ति

© 2023 Bennett, Coleman & Company Limited