RBI फिर देगा झटका, बढ़ेगी EMI! महंगाई और फेड का प्रेशर बरकरार

RBI Monetary Policy: आरबीआई वैश्विक परिस्थितियों और बढ़ती महंगाई को देखते हुए मई से लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है। आरबीआई दिसंबर तक रेपो रेट में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है। हालांकि महंगाई दर के 6 फीसदी के दायरे में आने से आरबीआई पर प्रेशर जरूर कम हुआ है।

RBI POLICY

आरबीआई 8 फरवरी को करेगा ऐलान

RBI Monetary Policy: चालू वित्त वर्ष की आखिरी मौद्रिक नीति की समीक्षा पर आज से आरबीआई की बैठक है। और 8 फरवरी को रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति का ऐलान करेगा। महंगाई आरबीआई की दायरे से ज्यादा होने और अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व के प्रेशर को देखते हुए इस बार भी कर्ज महंगा होने की संभावना है। इस बात के आसार हैं आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर होम लोन, कार लोन से लेकर दूसरे कर्ज महंगे हो जाएंगे।

महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा

दिसंबर में रिटेल महंगाई दर 5.72 फीसदी के स्तर पर आने से आरबीआई के लिए थोड़ी राहत की खबर है। क्योंकि इसके पहले चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही में महंगाई दर आरबीआई के सामान्य स्तर के दायरे से बाहर रही थी। आरबीआई आम तौर पर महंगाई दर को 4 फीसदी मानके से दो फीसदी ज्यादा या फिर 2 फीसदी कम के स्तर पर रखता है।

2.25 फीसदी बढ़ा चुका है रेपो रेट

आरबीआई वैश्विक परिस्थितियों और बढ़ती महंगाई को देखते हुए मई से लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है। आरबीआई दिसंबर तक रेपो रेट में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है। हालांकि महंगाई दर के 6 फीसदी के दायरे में आने से आरबीआई पर प्रेशर जरूर कम हुआ है। पिछले हफ्ते फेड रिजर्व द्वारा फिर से 0.25 फीसदी ब्याज दरें बढ़ाने से आरबीआई पर रेपो रेट बढ़ाने का प्रेशर बन गया है। हालांकि अच्छी बात यह है कि फेड रिजर्व के अनुमान से आने वाले समय स्थितियां सुधरने के संकेत हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक मुद्रास्फीति में नरमी आ रही है, हालांकि महंगाई दर अब भी प्रत्येक केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से काफी ऊपर है।रिपोर्ट के मुताबिक, अगले कुछ महीनों में मुद्रास्फीति में और नरमी आने की संभावना है। इसके साथ ही 2023 की पहली छमाही तक दर वृद्धि का दौर खत्म हो जाएगा। इसके बाद 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में दरों में कटौती शुरू हो सकती है।

वहीं अनिल मोदी स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स की निदेशक अमिता वैद्य ने भी कहा कि मौद्रिक नीति समिति अपने सख्त रुख में कुछ ढील दे सकती है।उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य का नकारात्मक रुख अब भी जारी है, लेकिन घरेलू अर्थव्यवस्था में तेजी और जुझारूपन दिखाई दे रहा है। उन्होंने आगामी समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited