जियो के 20 सेकेंड का वो 'राज' जिसने मुकेश अंबानी को बना दिया टेलीकॉम का बादशाह
Jio ambani Plan: जब देश जियो लॉन्च हुआ तब उसने फ्री में डेटा और वॉयस कॉलिंग दी थी। लेकिन कुछ समय बाद जियो को ये एहसास हुआ की जियो सिम से जियो सिम में कॉल करने पर चार्ज नहीं कटता था लेकिन जब अन्य टेलीकॉम कंपनी जैसे एयरटेल और आइडिया को कॉल की जाती तो उसे दूसरी कंपनी को अपनी तरफ से इंटर-ऑपरेटर चार्ज देना होता है।
हम इनकमिंग कॉल की रिंग से जुड़े उस मामले की कर रहे हैं जिसमें मुद्दा उठा था कि फोन कटने से पहले कितनी देर तक रिंग बजनी चाहिए।
Jio ambani Plan:जियो ने आज भारतीय लोगों को डेटा के महत्व को समझा दिया है। इसने मात्र 6 साल में कई दशकों के दिग्गजों जैसे एयरटेल, आइडिया सबको पछाड़ दिया है। इसके पीछे की वजह रिलायंस की खास मार्केट रणनीति मानी जाती है। ऐसे में आज हम उस 20 सेकेंड की रणनीति के बारे में बता रहे हैं जिसने अंबानी को करोड़ों के होने वाले घाटे से बचा लिया था। ये वही रणनीति से जिसकी वजह से डेटा, वॉइस कॉल फ्री होने के बावजूद उन्हें फायदा हुआ। यदि बात अप्रैल 2023 के ट्राई के डेटा करें तो जियो का यूजर बेस 441.92 अरब तक पहुंच चुका है। दरअसल आज हम इनकमिंग कॉल की रिंग से जुड़े उस मामले की कर रहे हैं जिसमें मुद्दा उठा था कि फोन कटने से पहले कितनी देर तक रिंग बजनी चाहिए।
इंटर-ऑपरेटर चार्ज से जुड़ा है मामला
इसे ऐसे समझते हैं कि जब देश जियो लॉन्च हुआ तब उसने फ्री में डेटा और वॉयस कॉलिंग दी थी। लेकिन कुछ समय बाद जियो को ये एहसास हुआ IUC नियमों की वजह से जियो सिम से जियो सिम में कॉल करने पर चार्ज नहीं कटता था लेकिन जब अन्य टेलीकॉम कंपनी जैसे एयरटेल और आइडिया को कॉल की जाती तो उसे दूसरी कंपनी को अपनी तरफ से इंटर-ऑपरेटर चार्ज देना होता है। जिसे तकनीकी रूप से इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क ( IUC) के रूप में जाना जाता है।
यह शुल्क उस ऑपरेटर द्वारा भुगतान किया जाता है जिसके नेटवर्क पर कॉल शुरू होती है, और उस ऑपरेटर को भुगतान किया जाता है जिसके नेटवर्क पर कॉल समाप्त होती है। जिसकी वजह से जियो को घाटा हो रहा था। हिन्दू बिजनेस लाइन की दिसंबर 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस जियो ने अकेले जून 2019 तिमाही में 851 करोड़ रुपये के IUC शुल्क का भुगतान किया था।
क्या लगे थे आरोप
बिजनेस लाइन की सितंबर 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक एयरटेल ने आरोप लगाया था कि इसी चार्ज से बचने के लिए जो पहले कॉल की रिंगिंग 40 सेकंड होती थी उसे घटाकर रिलायंस जियो ने अन्य ऑपरेटर के लिए 20-25 सेकेंड कर दिया था। ताकि कॉल रिसीव होने के चान्सेस कम हो जाएं और वह मिस्ड कॉल में बदल जाए। मिस्ड कॉल देखकर एयरटेल ग्राहक रिलायंस जियो के नेटवर्क पर वापस कॉल करता है। एयरटेल के मुताबिक इसकी वजह जियो का IUC शुल्क जीरो हो गया था और उसे सालाना 3,200-3,300 करोड़ सालाना का फायदा हुआ था।
जियो ने आरोपों को बताया था गलत
हांलांकि रिपोर्ट के मुताबिक एयरटेल के इन आरोपो को रिलायंस जियो के आधिकारियों ने नकार दिया था। अधिकारियों ने कहा था कि पहली बात ये कि रिगिंग टाइम 30 सेकेंड निर्धारित है और 45 सेकेंड की बात कहना पूरी तरह गलत है। दूसरी ये दुनियाभर में ज्यादातर ऑपरेटरों ने 15 – 20 सेकेंड रिगिंग टाइम को निर्धारित करके रखा है। तीसरा बड़े 4जी ऑपरेटर के नेटवर्क पर आने वाली 25-30 फीसदी कॉल मिस्ड कॉल होती हैं।
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