Budget 2023: आज खुलेगा बजट का पिटारा,बचेगा टैक्स-मिलेगी नौकरी-भरेगी जेब या होगी मायूसी !

Budget 2023 FM Nirmala Sitharaman Speech And Expectations: सरकार के खजाने में रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन आ रहा है। ऐसे में वित्त मंत्री से उम्मीद है कि वह महंगाई और बेरोजगारी के संकट से जूझ रहे आम आदमी को बड़ी राहत देंगी। बजट में आम आदमी को सेंटर में रखते हुए बड़े ऐलान हो सकते हैं, इस बात के संकेत बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिए हैं।

Nirmala Sitharaman Budget

बजट से हैं कई उम्मीदें

Budget 2023 FM Nirmala Sitharaman Speech And Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आम चुनाव के पहले आखिरी पूर्ण बजट पेश करने जा रही हैं। चुनाव की आहट, आर्थिक मंदी और अनिश्चितता के साये में साल 2023-24 का बजट पेश होगा। अहम बात यह है कि पिछले तीन साल से कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजी चुनौतियों में निकल गए। और इसका असर यह हुआ है कि वित्त मंत्री ने जो भी बजट अनुमान पेश किए, वह इन चुनौतियों के आगे ठहर नहीं पाए। लेकिन उम्मीद की बात यह है कि मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है 'भारत कोरोना से उबर चुका है।' इसका मतलब यह है कि कोरोना से इकोनॉमी को जो ब्रेक लग गया था, उससे वह रिकवर कर चुकी है। और इसके संकेत भी मिलने लगे हैं।

क्योंकि इस साल सरकार के खजाने में रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन आ रहा है। ऐसे में वित्त मंत्री से उम्मीद है कि वह महंगाई और बेरोजगारी के संकट से जूझ रहे आम आदमी को बड़ी राहत देंगी। बजट में आम आदमी को सेंटर में रखते हुए बड़े ऐलान हो सकते हैं, इस बात के संकेत बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिए हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि बजट आम आदमी पर फोकस करेगा।

सरकार का भरा खजाना

मोदी सरकार के लिए आम आदमी को राहत देने के लिए इस बार अच्छा मौका है। वजह यह है कि पिछले 3 साल से कोरोना संकट के कारण आम आदमी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की वजह से हर 5 में से 4 गरीब होने वाले लोग भारत से हैं। इसके अलावा बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार भी हुए। साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से महंगाई भी बेलगाम हुई। और उसका असर यह हुआ कि अप्रैल 2022 में 8 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। उस दौरान रिटेल महंगाई दर 7.85 फीसदी पर पहुंच गई थी। हालांकि अब यह घटकर 5.72 (दिसंबर 2022) फीसदी पर आ गई है। जो वित्त मंत्री के राहत की बात है।

इसी तरह सरकार के खजाने की बात है तो जिस तरह जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन हुआ है। उसे देखते हुए मार्च 2023 तक सरकार के खजाने में 27.6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा आने की पूरी उम्मीद है। यानी वित्त मंत्री के पास लोगों को राहत देने के मौके होंगे। क्योंकि रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन से उनके लिए राजकोषीय घाटे बजट अनुमान के अनुसार 6.4 फीसदी तक सीमित करना आसान होगा।

किन सौगातों पर नजर-

इनकम टैक्स में 5 साल बाद मिलेगी राहत !

सबसे ज्यादा उम्मीदें इनकम टैक्स को लेकर है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना काल में कई बार कह चुके हैं कि करदाता की वजह से ही गरीबों को मदद पहुंचाई जा सकी है। ऐस में बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री के बयान को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण न केवल 5 साल बाद इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती हैं , बल्कि 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट में भी इजाफा कर कर दाता को राहत दे सकती है। साथ ही 80 डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाली छूट भी बढ़ सकती है। इसी तरह वेतनभोगी कर्मचारियों को इस समय स्टैण्डर्ड डिडक्शन के रूप में 50,000 रुपये की छूट मिलती है। ऐसे में वेतनभोगी इस लिमिट में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहा है। ऐसा होने से उसकी बचत में इजाफा होगा।

होम लोन पर ज्यादा छूट मिले

पिछले एक साल में होम लोन लगातार महंगा हुआ है। ऐसे में मिडिल क्लास पर खास तौर से बढ़ती ईएमआई और ब्याज का बोझ बढ़ा है। इस समय होम लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की छूट है। करीब 2 फीसदी ब्याज दरों को बढ़े बोझ को देखते हुए ब्याज पर लिमिट को बढ़ाकर वित्त मंत्री राहत दे सकती हैं।

90 फीसदी आबादी को इनकी जरूरत

इसी तरह देश की 90 फीसदी आबादी असंगठित क्षेत्र के तहत आती है। और अगर उसका देश की इकोनॉमी में योगदान देखा जाय तो वह करीब 50 फीसदी होता है। इस आबादी को वित्त मंत्री से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण जैसी योजनाओं के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, बेहतर शिक्षा, बेहतर जीवन स्तर और बेहतर आवागमन की सुविधाओं की उम्मीद है।

रोजगार के बढ़ें अवसर

युवा देश के लिए रोजगार के अवसर सबसे बड़ी जरूरत है। और कोविड-19 के बाद से यह मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। CMIE के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2022 से अगर आंकड़ों को देखा जाय तो यह 8 फीसदी के करीब बनी हुई है। दिसंबर 2022 में बेरोजगारी दर 8.30 फीसदी पर थी। जो कि साल 2017-18 के दौर में 5-6 फीसदी के बीच थी। ऐसे में इस फ्रंट पर वित्त मंत्री को बड़े कदम उठाने होंगे।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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