अफगानिस्तान का हाल न भूले दुनिया...बोले जयशंकर, भारत-रूस रिश्तों पर कही यह बात
हिंदुस्तान के विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार शाम दो दिवसीय यात्रा पर रूस के मास्को पहुंचे थे। उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं।
भारत के केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर। (एपी)
केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान के हाल को नहीं भूलना चाहिए। उस देश से संचालित आतंकी समूहों को लेकर चिंता बनी हुई है। यह बातें उन्होंने मंगलवार को रूस के मास्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ चर्चा के बाद कहीं। उन्होंने भारत और रूस के रिश्तों को असाधारण रूप से दृढ़ बताया और कहा कि यह समय की कसौटी पर खरे हैं। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस जयशंकर ने आतंकवाद और इसके सीमापार प्रारूप सहित अस्थिरता पैदा करने वाले कई कारक गिनाए। वह बोले कि यह चिंता का बड़ा कारण बने हैं। लावरोव के साथ चर्चा के दौरान अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठा। इस बात पर जोर दिया गया कि अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों को यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए कि उस देश से आतंकवाद का कोई खतरा न हो।
बकौल जयशंकर, ‘‘यह जरूरी है कि दुनिया इस बात को नहीं भूले कि अफगानिस्तान की स्थिति क्या है क्योंकि मुझे आज लगता है कि जितना ध्यान उस पर दिया जाना चाहिए, उतना नहीं दिया जा रहा है।’’ विदेश मंत्री ने आगे कहा कि उस देश में मानवीय संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भारत, अफगानिस्तान के लोगों को खाद्यान्न, दवा, कोविड रोधी टीके की आपूर्ति कर रहा है, क्योंकि वे कठिन स्थिति का सामना कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास आतंकवाद और अफगानिस्तान से संचालित आतंकवाद को लेकर चिंता का उचित कारण है।
मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणामों को इस मामले में सबसे ऊपर देख रहे हैं । आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के हमेशा बने रहने वाले मुद्दे भी हैं जिनका प्रगति तथा समृद्धि पर बाधाकारी असर होता है। हमारी वार्ता में समग्र वैश्विक स्थिति और विशिष्ट क्षेत्रीय चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा।’’ जयशंकर के मुताबिक, ‘‘बढ़ते बहुध्रुवीय और पुन: संतुलित विश्व में भारत और रूस एक दूसरे के सम्पर्क में हैं । हम ऐसा कर रहे हैं क्योंकि दोनों के बीच संबंध असाधारण रूप से दृढ़ और समय की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं। मैं अपनी बातचीत को लेकर आशान्वित हूं । ’’
दरअसल, जयशंकर की रूस यात्रा का काफी अहम मानी जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह इंडोनेशिया के बाली में होने वाली जी20 समूह की शिखर बैठक से एक सप्ताह पहले हो रही है। वहां यूक्रेन संघर्ष और इसके प्रभाव को लेकर सघन चर्चा होना तय माना जा रहा है। यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद जयशंकर की यह पहली मास्को यात्रा है। विदेश मंत्री के अनुसार कहा, ‘‘हमारी बैठक हमारे संबंधों का आकलन करने और वैश्विक परिस्थितियों पर एक दूसरे के नजरिए को समझने के लिए है। जहां तक द्विपक्षीय संबंधों की बात है, हमारा उद्देश्य एक संतुलित, परस्पर लाभकारी और दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना है ।’’ (पीटीआई, भाषा और एएनआई इनपुट्स के साथ)
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