ऋषि सुनक की होगी वापसी ! 25 दिन में ही मुश्किल में ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस

Rishi Sunak Comeback: ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए 45 बिलियन पाउंड की टैक्स कटौती का ऐलान किया है। फैसले पाउंड की कीमतों, शेयर बाजार और बांड मार्केट पर निगेटिव असर हुआ है। और ब्रिटेन की इकोनॉमी में और मंदी गहराने का खतरा बढ़ गया है।

RISHI SUNAK AND LIZ TRUSS

ऋषि सुनक लिज ट्रस में फिर होगा मुकाबला !

मुख्य बातें
  • ऋषि सुनक शुरू से ही लिज ट्रस की टैक्स कटौती नीति का विरोध करते रहे हैं।
  • कंजरवेटिव पार्टी में सुनक समर्थक अब ट्रस पर दबाव बढ़ा रहे हैं।
  • इकोनॉमी नहीं संभली तो ट्रस के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

Rishi Sunak Comeback: क्या भारतीय मूल के ऋषि सुनक की सरकार में वापसी होगी। यह ऐसा सवाल है जो ब्रिटेन के सत्ता गलियारों और आम जनता के बीच बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि सोशल मीडिया पर ऋषि सुनक कम बैक का अभियान भी चलने लगा है। ब्रिटेन के कई प्रमुख अखबारों ने भी ऋषि सुनक का समर्थन किया है और लिज ट्रस की आर्थिक नीतियों की आलोचना की है।

कम बैक ऋषि सुनक

ब्रिटेन के द टेलीग्रॉफ, इंडीपेंडेंट और गार्जियन जैसे अखबारों और ऑनपोर्टल में कई ऐसे लेख छप रहे हैं, जिसमें सुनक का खुलकर समर्थन किया जा रहा है और लिज ट्रस की आर्थिक नीतियों की आलोचना हो रही है। असल में जब ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव अभियान चल रहा था। तो कई बार ऋषि सुनक ने लिज ट्रस के टैक्स में भारी कटौती के वादों के बारे में चेताया था। उनका कहना था यह ब्रिटेन की इकोनॉमी के लिए अच्छा नहीं रहेगा। वही ट्रस का कहना था कि वह टैक्स में कटौती कर और खर्च बढ़ाकर ब्रिटेन की इकोनॉमी को पटरी पर लाएंगी।

40 साल की सबसे ज्यादा महंगाई झेल रहा है ब्रिटेन

कोविड-19 के बाद से ब्रिटेन की इकोनॉमी पर बुरा असर हुआ है। उस वक्त जॉनसन सरकार में सुनक वित्त मंत्री थे। इकोनामी को बचाए रखने के लिए उन्होंने सख्त नीतियां अपनाई, जिसकी वजह से उन्हें लोगों की आलोचना भी झेलनी पड़ी। इसी वजह से चुनावों में ट्रस के टैक्स कटौती के वादों का लोगों पर गहरा असर हुआ। और ट्रस को जीत मिली । लेकिन जब चुनावी वादे को पूरा करने के लिए ट्रस ने 45 बिलियन पाउंड की टैक्स कटौती का ऐलान किया। तो उसका डॉलर के मुकाबले पाउंड की कीमतों, शेयर बाजार और बांड मार्केट पर निगेटिव असर हुआ है।

ट्रस के इस फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और कई मार्केट एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि ट्रस सरकार के फैसले से महंगाई बढ़ेगी और आर्थिक मंदी का खतरा और गहरा होगा। ट्रस की सबसे ज्यादा आलोचना इस बात की हो रही है कि ट्रस ने सबसे धनी वर्ग को भी इनकम टैक्स में लाखों पाउंड की छूट दे दी है। इस समय ब्रिटिश पाउंड की कीमत अमेरिकी डॉलर की तुलना में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। और अब ऐसी संभावना है कि ब्रिटेन का सेंट्रल बैंक ब्याज दरें और बढ़ाएगा। इससे कर्ज महंगा होगा और विकास दर में और गिरावट आएगी।

इस बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कहा है कि वह इकोनॉमी की खातिर मुश्किल फैसले लेने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन बेहद कठिन आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि ये समस्याएं वैश्विक हैं।

राजनीतिक रूप से क्या हो सकता है असर

अगर लिज ट्रस ब्रिटेन की इकोनॉमी को जल्द ही पटरी पर नहीं ला पाती हैं, तो उनकी पार्टी (कंजरवेटिव) में सुनक समर्थक मजबूत होंगे। और ट्रस को यह याद रखना होगा कि प्रधानमंत्री पद के चुनाव के दौरान भी सुनक सांसदों की वोटिंग में हमेशा ट्रस पर भारी पड़े थे। हालांकि फाइनल राउंड में जब पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हो गए। तो उन्हें 21 हजार वोटों से हार मिली । चुनावों में ट्रस को 81 हजार 326 वोट मिले, जबकि ऋषि सुनक को 60 हजार 399 वोट मिले थे। ऐसे में अगर हालात बिगड़ते हैं तो ट्रस के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी आ सकता है और स्थिति में सुनक के कदम पर सबकी नजर रहेगी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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