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Nobel Peace Prize: 'नोबेल समिति ने शांति की बजाय राजनीति को चुना...' ट्रंप को पुरस्कार ना मिलने पर व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया

Nobel Peace Prize: डोनाल्ड ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार जीतने के असफल प्रयास के बाद, व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का 'हृदय मानवतावादी है'

Nobel Peace Prize

ट्रंप के पुरस्कार हारने पर व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया (फाइल फोटो: canva)

Nobel Peace Prize: डोनाल्ड ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार जीतने के प्रयास के विफल होने के बाद, व्हाइट हाउस ने ज़ोर देकर कहा कि नोबेल समिति ने 'शांति पर राजनीति को प्राथमिकता दी है' सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक बयान में, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रंप 'शांति समझौते करेंगे, युद्ध समाप्त करेंगे और लोगों की जान बचाएंगे'

व्हाइट हाउस के संचार निदेशक स्टीवन चेउंग ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप शांति समझौते करते रहेंगे, युद्ध समाप्त करते रहेंगे और जानें बचाते रहेंगे। उनका दिल मानवतावादी है और उनके जैसा कोई नहीं होगा जो अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से पहाड़ों को हिला सके। नोबेल समिति ने साबित कर दिया है कि वे शांति से ज़्यादा राजनीति को महत्व देते हैं।'

'हर कोई कहता है कि मुझे नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए'

अमेरिकी राष्ट्रपति अपने पहले कार्यकाल से ही इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए बार-बार प्रयास कर रहे थे, और हाल ही में पिछले महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों से उन्होंने कहा था- 'हर कोई कहता है कि मुझे नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।' लेकिन इस साल उनकी दोबारा की गई कोशिश तब विफल हो गई जब नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को 2025 के लिए अपना पुरस्कार विजेता घोषित कर दिया।

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प्रतिष्ठित पुरस्कार वेनेजुएला की 'आयरन लेडी' कोरिना मचाडो को दिया गया

नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को हो गई और यह प्रतिष्ठित पुरस्कार वेनेजुएला की 'आयरन लेडी' कोरिना मचाडो को दिया गया। मचाडो लोकतंत्र समर्थक और निरंकुश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखने वाली एक्टिविस्ट हैं। यह सम्मान देते हुए नॉर्वे की नोबेल समिति ने कहा कि 'यह सम्मान उन्हें वेनेज़ुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए उनके 'अथक संघर्ष' और देश को तानाशाही से लोकतंत्र की ओर ले जाने के प्रयासों के लिए दिया गया है। नोबेल समिति की इस घोषणा से सबसे बड़ा झटका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगा है। ट्रंप को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें यह पुरस्कार मिलेगा लेकिन नाम का ऐलान होते ही उनका सपना टूट गया।

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अमेरिकी राष्ट्रपति लंबे समय से इस पुरस्कार पर अपना दावा करते आ रहे थे

अमेरिकी राष्ट्रपति लंबे समय से इस पुरस्कार पर अपना दावा करते आ रहे थे। ट्रंप ने कई मौकों पर कहा कि उन्होंने दुनिया भर में सात से आठ युद्ध रुकवाए। उन्होंने तो यहां तक कहा कि यदि यह पुरस्कार बराक ओबामा को मिल सकता है तो उन्हें क्यों नहीं। बहरहाल, नोबेल शांति पुरस्कार पाने की ट्रंप की हसरत इस बार पूरी नहीं हो पाई है। भविष्य में क्या होता है, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन एक्सपर्ट्स पहले से यह मानकर चल रहे थे कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की संभावना बहुत क्षीण है क्योंकि नोबिल समिति जिन मानकों पर यह पुरस्कार देती है, उस पर ट्रंप पूरी तरह से खरे नहीं उतरते हैं।

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रवि वैश्य
रवि वैश्य Author

रवि वैश्य 'Times Now नवभारत' डिजिटल के 'न्यूज डेस्क' में Assistant Editor के रूप कार्यरत हैं, 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब 20 साल से ज्यादा ... और देखें

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