मेक इन इंडिया को मिलेगा बूस्ट! Micron Semiconductor और एकस ग्रुप को SEZ यूनिट्स लगाने की मिली मंजूरी
Micron Semiconductor: सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड गठन संबंधी कुछ नियमों को आसान बनाने के बाद यह निर्णय लिया है। इन क्षेत्रों में विनिर्माण के लिए अत्यधिक पूंजी की जरूरत, आयात पर निर्भरता और लाभदायक स्थिति में पहुंचने में लगने वाले लंबे समय को देखते हुए अग्रणी निवेश और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए नियम संशोधित किए गए हैं।

Semiconductor चिप (तस्वीर-Canva)
SEZ units: भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने के लिए स्पेशल इकॉनोमिक जोन (एसईजेड) स्थापित करने को माइक्रॉन सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी इंडिया और हुबली ड्यूरेबल गुड्स क्लस्टर (एकस ग्रुप) को मंजूरी दे दी है। वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को बयान में इन प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने की जानकारी दी।
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बयान के मुताबिक, माइक्रॉन 13,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से गुजरात के साणंद में 37.64 हेक्टेयर क्षेत्र में अपना एसईजेड विकसित करेगी जबकि एकस ग्रुप 100 करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के विनिर्माण के लिए कर्नाटक के धारवाड़ में 11.55 हेक्टेयर क्षेत्र में अपना एसईजेड स्थापित करेगी।
सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड गठन संबंधी कुछ नियमों को आसान बनाने के बाद यह निर्णय लिया है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘नियमों में बदलाव के बाद एसईजेड की स्वीकृति देने वाले बोर्ड ने माइक्रॉन सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी इंडिया और हुबली ड्यूरेबल गुड्स क्लस्टर प्राइवेट लिमिटेड (एकस ग्रुप) से मिले प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इनमें सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के विनिर्माण के लिए एसईजेड के गठन का जिक्र है।’’
इन क्षेत्रों में विनिर्माण के लिए अत्यधिक पूंजी की जरूरत, आयात पर निर्भरता और लाभदायक स्थिति में पहुंचने में लगने वाले लंबे समय को देखते हुए अग्रणी निवेश और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए नियम संशोधित किए गए हैं। संशोधित नियम के मुताबिक, सेमीकंडक्टर या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण के लिए एक एसईजेड स्थापित करने के लिए अब केवल 10 हेक्टेयर क्षेत्र की जरूरत पड़ेगी, जो पहले के 50 हेक्टेयर से कम है।
इसके अलावा नि:शुल्क आधार पर प्राप्त और आपूर्ति की गई वस्तुओं का मूल्य भी अब शुद्ध विदेशी मुद्रा (एनएफई) की गणना में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, एसईजेड नियमों के नियम 18 में भी संशोधन किया गया है ताकि सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण विनिर्माण की एसईजेड इकाइयों को घरेलू शुल्क क्षेत्र में भी शुल्क भुगतान के बाद आपूर्ति की अनुमति मिल सके।
बयान के मुताबिक, इन संशोधनों को वाणिज्य विभाग ने तीन जून, 2025 को अधिसूचित किया है। इससे देश में उच्च तकनीक विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, सेमीकंडक्टर विनिर्माण पारिस्थितिकी के विकास को बढ़ावा मिलेगा और देश में उच्च कौशल वाली नौकरियां पैदा होंगी।
इनपुट-भाषा
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