Shattila Ekadashi Parana Time: आज कितने बजे किया जाएगा षटत‍िला एकादशी व्रत का पारण, नोट कर लें समय, पारण की विधि और चौघड़िया मुहूर्त

Shattila Ekadashi Parana Time (षटत‍िला एकादशी के पारण का समय): षटत‍िला एकादशी का व्रत माघ माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन पड़ता है। पावन एकादशी व्रत को समाप्त करने के समय को पारण कहा जाता है जो क‍ि द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति जरूरी होता है। ऐसे में अगर आप षटत‍िला एकादशी के पारण का समय को जानना चाहते हैं तो यहां पर समय, मुहूर्त और पारण विधि को देखिये।

Shattila Ekadashi Parana Time, vidhi in hindi, Chaughadiya Muhurat

Shattila Ekadashi Parana Time, vidhi in hindi, Chaughadiya Muhurat

Shattila Ekadashi 2025 (षटत‍िला एकादशी 2025): सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का व्रत अत्यंत ही पावन और फलदायी माना जाता है। माघ महीने की एकादशी को षटत‍िला इस नाते से कहा जाता है क्योंकि इसमें भगवान नारायण की पूजा के लिए छह प्रकार से तिल का प्रयोग किया जाता है, जिसमें तिल स्नान, तिल की उबटन, तिलोदक, तिल का हवन, तिल का भोजन और तिल का दान शामिल हैं। ऐसे में षटत‍िला एकादशी व्रत के पारण का मुहूर्त और विधि का पता होना बेहद जरूरी होता है। एकादशी व्रत के पारण का महत्व बहुत होता खासकर इसका पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिये। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं षटत‍िला एकादशी के पारण का समय और पारण मुहूर्त के दौरान की विधि को।

Shattila Ekadashi Parana Time (षटत‍िला एकादशी के पारण का समय) -

इस व्रत के पारण का समय कुछ इस प्रकार से है –

पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 07:12 ए एम से 09:21 ए एम

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 08:54 पी एम

Shattila Ekadashi Muhurat (षटत‍िला एकादशी मुहूर्त) -

इस पावन दिन का शुभ मुहूर्त इस तरह से रहेगा जिसे आप यहां देखिए –

एकादशी तिथि प्रारम्भ - जनवरी 24, 2025 को 07:25 पी एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त - जनवरी 25, 2025 को 08:31 पी एम बजे

Shattila Ekadashi Chaughadiya Muhurat (षटत‍िला एकादशी चौघड़िया मुहूर्त) -

शुभ - उत्तम: 08:33 ए एम से 09:53 ए एम

लाभ - उन्नति: 01:54 पी एम से 03:14 पी एम

अमृत - सर्वोत्तम: 03:14 पी एम से 04:34 पी एम

लाभ - उन्नति: 05:55 पी एम से 07:34 पी एम

Shattila Ekadashi Paran Vidhi (षटत‍िला एकादशी विधि) -

भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद व्रत का पारण करना चाहिए।

द्वादशी तिथि के दिन सूर्योदय के बाद ही एकादशी व्रत का पारण करना चाहिए।

तामसिक चीजों से व्रत खोलने से बचें और केवल सात्विक चीजों सेवन करें।

बैंगन, साग, मसूर की दाल आदि से बनी चीजों से व्रत नहीं खोला जाता है।

व्रत पूरा होने के बाद जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को दान अवश्य देना चाहिए।

मान्यताओं के अनुसार षटत‍िला एकादशी व्रत के पारण में इन विधियों का पालन करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु का आशीर्वाद वरदान स्वरूप मिलता है। इस व्रत से सुख, समृद्धि, यश और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

(डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। timesnowhindi.com इसकी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता है। इसलिए किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की राय जरूर लें)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Srishti author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर कॉपी एडिटर कार्यरत हूं। मूल रूप से बिहार की रहने वाली हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में मेरी सबसे ज्यादा दिलचस्पी...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited