Sawan Somvar Vrat Udyapan 2023: सावन सोमवार व्रत का उद्यापन कैसे करें, यहां जानें स्टेप बाय स्टेप पूरी विधि

Sawan Somvar Udyapan Vidhi: सावन सोमवार व्रत का उद्यापन करने के लिए शिव व पार्वती जी की प्रतिमा, चंद्रदेव की मूर्ति, चौकी, अक्षत, पान, सुपारी, ऋतुफल समेत कई चीजों की पड़ेगी जरूरत। यहां चेक करें सावन सोमवार व्रत उद्यापन की सामग्री लिस्ट और पूजा विधि।

sawan somvar udyapan vidhi

Sawan Somvar Udyapan Vidhi

Sawan Somvar Vrat Udyapan Vidhi: श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2023) मनाने के साथ सावन महीने की समाप्ति हो जाती है। वहीं इससे पहले 28 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार (Sawan Ka Akhri Somvar) मनाया जाएगा। कई लोग सावन सोमवार व्रत की समाप्ति उद्यापन के साथ करते हैं। कहते हैं किसी भी व्रत का विधि विधान उद्यापन करने से उस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो जाता है। जानिए सावन सोमवार व्रत उद्यापन की सामग्री लिस्ट, पूजा विधि और महत्व।

सावन का आखिरी प्रदोष व्रत कब है?

सावन सोमवार उद्यापन सामग्री लिस्ट (Sawam Somvar Udyapan Samagri 2023)

  • शिव व पार्वती जी की प्रतिमा
  • चंद्रदेव की मूर्ति या चित्र
  • चौकी या लकड़ी का पटरा
  • रूई (बत्ती के लिये)
  • पंचामृत (गाय का कच्चा दूध, दही,घी,शहद एवं शर्करा मिला हुआ)
  • छोटी इलायची
  • लौंग
  • पुष्पमाला (2 सफेद एवं 1 लाल)
  • अक्षत
  • पान
  • कुंकुम
  • गंगाजल
  • कटोरी
  • आचमनी
  • वस्त्र (एक लाल एवं तीन सफेद)
  • पंचपात्र
  • पुष्प
  • लोटा
  • नैवेद्य
  • सुपारी
  • ऋतुफल
  • आरती के लिये थाली
  • मिट्टी का दीपक
  • कुशासन
  • खुल्ले रुपये
  • यज्ञोपवीत (हल्दी से रंगा हुआ)
  • रोली
  • मौली
  • धूप
  • कपूर
  • चंदन (सफेद एवं लाल)
  • चौकी या लकड़ी का पटरा
  • केले के खम्बे (केले का तना सहित पत्ता/ केले का पत्ता)
  • आम का पत्ता

सावन सोमवार उद्यापन विधि (Sawan Somvar Udyapan Vidhi)
  • सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर स्नान कर लें।
  • अगर सम्भव हो तो इस दिन साफ सफेद वस्त्र धारण करें।
  • फिर पूजा स्थल को गंगा जल से शुद्ध कर लें।
  • इसके बाद पूजा स्थल पर केले के चार खम्बे के द्वारा चौकोर मण्डप बनायें।
  • मंडप को फूल और बंदनवार से सजायें।
  • पूजा स्थल पर सभी सामग्री रख लें और पूर्व की ओर मुख करके बैठ जायें।
  • फिर लकड़ी के पटरे को मण्डप के बीच में रखें।
  • साथ ही उस पर सफेद वस्त्र बिछायें।
  • पटरे पर शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
  • उसके बाद चौकी पर चंद्रमा को भी किसी पात्र में रखकर स्थापित करें।
  • सबसे पहले अपने आप को शुद्ध करने के लिये पवित्रीकरण करें।
  • हाथ में जल लेकर नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण करते हुए अपने ऊपर जल छिड़कें:- 'ॐ पवित्रः अपवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपिवा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर शुचिः॥'

  • इसके बाद पूजा कि सामग्री और आसन को भी मंत्र उच्चारण के साथ जल छिड़क कर शुद्ध कर लें:-'पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग षिः सुतलं छन्दः कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥'
  • इसके बाद भगवान की प्रतिमा को चंदन, रोली और अक्षत का टीका लगाएं।
  • उन्हें फूल-माला अर्पित करें और पंचामृत का भोग लगाएं।
  • संभव हो तो भोलेनाथ को सफेद फूल चढ़ाएं।
  • साथ बी सफेद मिठाई अर्पित करें।
  • इसके बाद शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल आदि चीजें चढ़ाएं। साथ बी बिल्व पत्र, धतूरा और भांग भी चढ़ाएं।
  • मनोकामना पूर्ति के लिए काले तिल डालकर शिवलिंग पर 11 लोटे जल अर्पित करें।
  • इस तरह से पूजा करने के बाद भोजन ग्रहण करें।
  • ध्यान रहे कि उद्यापन के दिन भी आपको एक समय ही भोजन करना है।
  • साथ बी रात में जमीन पर बिस्तर लगाकर सोना है।
  • सोमवार व्रत के फायदे

    हिंदू धर्म में सोमवार व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से सोमवार व्रत रखता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। वहीं जब बात सावन सोमवार की आती है तो इस व्रत का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।

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      TNN अध्यात्म डेस्क author

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