Jyeshtha Amavasya 2023 Puja Vidhi, Muhurat: ज्येष्ठ अमावस्या पर कैसे करें शनि देव की आराधना, नोट कर लें पूजा विधि

Jyeshtha Amavasya 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Aarti in Hindi (बड़ अमावस्या पूजा विधि): हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का खास महत्व है। इस दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ करने को शुभ माना जाता है। इसी के साथ जानिए ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा विधि विस्तार से। देखें ज्येष्ठ अमावस्या पर कैसे करें बड़ का पूजन।

Updated May 19, 2023 | 08:34 AM IST

Jyestha Amavasya 2023 Puja Vidhi

Jyestha Amavasya 2023 Puja Vidhi, Mantra, Aarti, Samagri

Jyeshtha Amavasya 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Aarti: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। यह हर महीने आती है और धर्म-कर्म के कार्यों के लिए बेहद शुभ मानी जाती है। लेकिन, ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को ज्येष्ठ अमावस्या कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या के मौके पर स्नान-दान और विशेष पूजन का विधान है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस दिन तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है। तो चलिए ज्येष्ठ अमावस्या के पूजा की एक-एक स्टेप जान लेते हैं।

ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा विधि (Jyeshtha Amavasya Puja Vidhi)

  • ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म के बाद पवित्र नदी या सरोवर में स्नान कर लें।
  • इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और जलधारा में तिल प्रवाहित करें।
  • इसके बाद पीपल वृक्ष में जल दें।
  • इस दिन तेल, तिल, पुष्प आदि से शनि देव की पूजा करें और तेल में एक दीपक प्रज्ज्वलित करें।
  • पूजन के बाद ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि चालीसा का पाठ और मंत्रों के जाप जरूर करें।
  • शनि देव की आरती उतारें और घर-परिवार में प्रसाद बांट दें।
  • पूजन समापन के बाद ब्राह्मणों को सामर्थ्यनुसार दान-दक्षिणा देने के बाद ही स्वयं भोजन ग्रहण करें।

ज्येष्ठ अमावस्या व्रत से लाभ (Importance Of Jyeshtha Amavasya Vrat)

आध्यात्मिक तौर पर ज्येष्ठ अमावस्या का खास महत्व होता है। ज्येष्ठ अमावस्या का व्रत महिलाएं एवं पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। चूंकि इसी दिन शनि जयंती और वट सावित्री पूजन का भी विधान है। ऐसे में इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। यही कारण है कि ज्येष्ठ अमावस्या विशेष रूप से सौभाग्यशाली एवं पुण्य फलदायी मानी जाती है। यूं तो इस खास अवसर पर कई सारे उपाय किए जाते हैं लेकिन ज्येष्ठ अमावस्या पर पूर्वजों की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है।
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