चीन-PAK को नींद उड़ा देंगे रुद्रम के 4 अवतार, DRDO चीफ ने बताया भारत बना रहा हाइपरसोनिक मिसाइलें

India Hypersoninc Misiles : भारत अपनी हाइपरसोनिक मिसाइलों पर तेजी से काम कर रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के चीफ समीर वी कामत ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में हाइपरसोनिक मिसाइल रुदम के विकास के बारे में बताया है। कामत ने बताया कि हमारी रुद्रम-1 मिसाइल अगले दो साल में सेना में शामिल हो जाएगी। यह पूरी तरह से आत्म निर्भर भारतीय प्रणाली का बेहतरीन नमूना है। इसके शामिल होने पर सेनाओं की मारक क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।'

विकास की अलग-अलग चरणों में हैं ये मिसाइलें
01 / 05

विकास की अलग-अलग चरणों में हैं ये मिसाइलें

कामत का कहना है कि जाहिर तौर पर इन मिसाइलों की रेंज अधिक होगी। ये सभी मिसाइलें अपने विकास के अलग-अलग चरणों में हैं। हमें लगता है कि इन सभी मिसाइलों को अगले तीन से चार सालों में सेना में शामिल कर लिया जाएगा।

मिसाइलों की एक पूरी श्रृंखला पर काम कर रहा DRDO
02 / 05

​मिसाइलों की एक पूरी श्रृंखला पर काम कर रहा DRDO

कामत ने आगे कहा कि डीआरडीओ हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों की एक पूरी श्रृंखला पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। ये मिसाइलें हैं-NGARM (न्यू जेनरेशन एंटी रेडिएशन मिसाइल), रुद्रम-2, रुद्रम-3 और रुद्रम-4।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल है
03 / 05

ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल है

हाइपरसोनिक मिसाइलों की रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से पांच गुना अधिक होती है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल है जबकि रुद्रम हाइपरसोनिक मिसाइल होगी। रुद्रम-1 सुपरसोनिक मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 200 किलोमीटर है। यह दुश्मन के रडार, संचार तंत्र को बर्बाद करने में सक्षम होगी।

रुद्रम-3 की मारक क्षमता 500 किलोमीटर से ज्यादा होगी
04 / 05

​रुद्रम-3 की मारक क्षमता 500 किलोमीटर से ज्यादा होगी

रुदम-2 हाइपरसोनिक मिसाइल होगी। इसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर की होगी। यह अधिक दूरी तक सटीकता के साथ मार कर सकेगी। जबकि रुद्रम-3 की मारक क्षमता 500 किलोमीटर से ज्यादा होगी।

मैक-5 से ज्यादा हो सकती है रुद्रम-4 की रफ्तार
05 / 05

मैक-5 से ज्यादा हो सकती है रुद्रम-4 की रफ्तार

रुद्रम-4 वजन में अपने अन्य संस्करणों से हल्की होगा। इसकी रफ्तार मैक -5 से ज्यादा हो सकती है। अडवांस एयर डिफेंस सिस्टम को भी यह चकमा दे सकती है। इसे पकड़ पाना एक तरीके से नामुमकिन होगा। इसे सुखोई , मिराज, राफेल में भी लगाया जा सकता है।

End of Photo Gallery
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited