फिर जेल जाएंगे लालू यादव? जमानत रद्द करने को लेकर 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

बिहार से पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर फिर जेल जाने का खतरा मंडराने लगा है। चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट जमानत रद्द करने की याचिका पर 25 अगस्त को सुनवाई करेगी।

Lalu Prasad Yadav

लालू प्रसाद यादव की जमानत अर्जी रद्द करने पर 25 अगस्त को होगी सुनवाई

बिहार से पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर जेल जाने का खतरा मंडराने लगा है। वे जमानत पर जेल से बाहर हैं। अब उनकी जमानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को दी गई जमानत को रद्द करने के अनुरोध संबंधी CBI की याचिका पर सुनवाई करने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 25 अगस्त को निर्धारित की है।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलों पर गौर किया। राजू ने तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए मामले का उल्लेख किया था। चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले मामले में दोषी करार दिए गए लालू प्रसाद यादव को रांची में CBI की विशेष अदालत ने पिछले साल 21 फरवरी को 5 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल, 2022 को डोरंडा कोषागार गबन मामले में 75 वर्षीय यादव को जमानत दे दी थी। यादव को रांची में CBI की एक अदालत ने पिछले वर्ष 15 फरवरी को इस मामले में दोषी ठहराया था। जब यह कथित घोटाला हुआ उस समय लालू अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री थे और वित्त विभाग भी उनके पास था।

लालू को पशुपालन विभाग के जरिये कथित तौर पर रिश्वत मिली थी। फर्जी चालान और बिल जारी किये गए जिन्हें वित्त विभाग की ओर से मंजूरी दी गई और सरकारी खजाने से पैसा जारी किया गया।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited