जो सनातन रावण के अहंकार, कंस की हुंकार और औरंगजेब के अत्याचार से न मिटा वह सत्ता परजीवियों से क्या मिटेगा- बोले योगी आदित्यनाथ

Yogi Adityanath on Sanatan Dharma: दरअसल, सारे विवाद की जड़ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि का एक बयान है। उन्होंने कुछ रोज पहले ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से कराई थी। साथ ही कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि इनका उन्मूलन कर देना चाहिए।

yogi adityanath

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Yogi Adityanath on Sanatan Dharma: सतानत धर्म को लेकर छिड़े सियासी संग्राम के बीच उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जो "सनातन" रावण और कंस के अहंकार के आगे नहीं डिगा और बाबर व औरंगजेब के अत्याचार से नहीं मिटा वह सत्ता परजीवियों से क्या मिट पाएगा। ये बातें सीएम योगी ने शुक्रवार (सात सितंबर, 2023) को सूबे की राजधानी लखनऊ में श्री कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े प्रोग्राम के दौरान कहीं।

अब ए राजा ने दिया सनातन धर्म पर विवादित बयान, सफाई देने में जुटी कांग्रेस

उन्होंने कहा- भारत की सनातन परंपरा पर अंगुली उठाने का प्रयास हो रहा है। विरासत को अपमानित करने की कोशिश हो रही है। विरासत के प्रति समाज की दृष्टि को कमतर करने के प्रयास हो रहे हैं। हालांकि, ये सब भूल चुके हैं कि जो सनातन रावण के अहंकार से, कंस की हुंकार से, बाबर और औरंगजेब के अत्याचार से नहीं मिटा, वह सनातन इन तुच्छ सत्ता परजीवियों से क्या मिट पाएगा...आज इन्हें अपने कृत्यों पर लज्जित होना चाहिए।

बकौल योगी, "सनातन धर्म मानवता का धर्म है। याद करिए कि दुनिया का कौन सा मत, मजहब और संप्रदाय है, जिसको उसके संकट के समय स्वागत के लिए धर्मावलिंबियों ने उनके सुरक्षा और संरक्षण का काम न किया हो। हमने कभी नहीं कहा कि हम विशिष्ट हैं। कोई सनातन धर्मावलंबी कभी यह नहीं कहता कि हम सब कुछ हैं। हमने तो कहा कि सत्य एक है और विद्वान लोग उसे अलग-अलग भावों से देखते हैं।"

स्पीच में उन्होंने आगे बताया- फिर भी जिसकी समझ में न आए...अपनी मूर्खतावश वह अगर सूर्य पर थूंकने का प्रयास कर रहा है, तब वह सूरज पर नहीं गिरेगा बल्कि उसके सिर पर ही पड़ेगा। यही वजह है कि ऐसे लोगों को और उनकी आने वाली पीढ़ियों को यह लज्जित करेगा। हमें भारत की परंपरा पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। यह भारत की राष्ट्रीयता का प्रतीक है और देश को नई प्रेरणा देने का जरिया है।

दरअसल, सारे विवाद की जड़ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि का एक बयान है। उन्होंने कुछ रोज पहले ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से कराई थी। साथ ही कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि इनका उन्मूलन कर देना चाहिए। हालांकि, बाद में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों के खिलाफ हिंसा का आह्वान नहीं किया था।

उदयनिधि ने सनातन धर्म के खिलाफ अपनी टिप्पणी को दोहराते हुए आरोप लगाया था, ‘‘सनातन धर्म एक सिद्धांत है जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटता है। सनातन धर्म को उखाड़ फेंकना मानवता और मानवीय समानता को बनाए रखना है।’’ वैसे, सनातन शब्द का इस्तेमाल कई हिंदुओं की ओर से अपने धर्म का वर्णन करने के लिए किया जाता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited