क्या मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता के लिए बनेंगे नियम? सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

Prasad in temples: बीते दिनों देशभर के मंदिरों के प्रसाद की क्वालिटी को लेकर भारी घमासान देखने को मिला। इस मुद्दे पर जमकर सियासत हुई, तरह-तरह की मांग की जाने लगी। इसी बीच मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता संबंधी याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया है।

Supreme Court of India.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

Court News: सुप्रीम कोर्ट ने मंदिरों में बांटे जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता पर नियमन की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए शुक्रवार को कहा यह मामला सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 नवंबर को कहा था कि कार्यपालिका अपनी सीमा के भीतर अपने कार्य का निर्वहन कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से किया इनकार

पीठ ने कहा, 'हम वर्तमान याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि याचिका में की गई प्रार्थना सरकार के नीति क्षेत्र के अंतर्गत आती है।' इसने कहा, 'हम वर्तमान याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि याचिका में जो अनुरोध किया गया है, वह सरकार की नीति के दायरे में आता है।' पीठ ने कहा, 'यदि याचिकाकर्ता चाहे तो वह उचित प्राधिकार के समक्ष निवेदन कर सकता है जिस पर कानून के अनुसार विचार किया जाएगा।'

सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट में रुख करने की दे दी सलाह

याचिकाकर्ता के वकील ने विभिन्न मंदिरों में भोजन या प्रसाद खाने के बाद लोगों के बीमार पड़ने की खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि जनहित याचिका प्रचार के लिए दायर नहीं की गई है। इस पर पीठ ने कहा, 'इसे केवल ‘प्रसादम’ तक ही सीमित क्यों रखा जाए? इसे होटलों से संबंधित भोजन, किराना (दुकानों) से हमारे द्वारा खरीदे जाने वाले खाद्य पदार्थों के लिए भी दायर किया जाए। वहां भी मिलावट हो सकती है।' याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह मंदिरों में गलती होने का मामला नहीं है क्योंकि उनके पास आपूर्ति की गुणवत्ता की जांच करने के लिए साधनों की कमी है।

उन्होंने कहा कि हालांकि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के पास शक्तियां हैं, लेकिन उसके दिशानिर्देशों में दम नहीं दिखता और याचिका में केवल इसे विनियमित करने का अनुरोध किया गया है। हालांकि, पीठ ने कहा कि यदि किसी मंदिर के संबंध में व्यक्तिगत मामले हों, तो संबंधित व्यक्ति संबंधित उच्च न्यायालय का रुख कर सकता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

End of Article
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited